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इफ्फी ने मणिपुर को फिल्मों की शूटिंग की दृष्टि से आकर्षक बनाया IFFI makes Manipur attractive for film shooting

IFFI makes Manipur attractive for film shooting

गोआ.Desk/ @www.rubarunews.com-53वें इफ्फी में मणिपुर सरकार का राज्य पवेलियन ‘मणिपुर अनएक्सप्लोर्ड’ फिल्मकारों, अभिनेताओं, निर्देशकों और निर्माताओं को राज्य में फिल्मों की शूटिंग के लिए आकर्षित कर रहा है। कई फिल्म निर्माता उन सुविधाओं के बारे में जानकारी के लिए राज्य के पवेलियन में जा रहे हैं जो यह सुंदर राज्य उन्हें प्रदान करेगा।

इफ्फी ने मणिपुर को फिल्मों की शूटिंग की दृष्टि से आकर्षक बनायाI FFI makes Manipur attractive for film shootin

ईस वर्ष इफ्फी मणिपुरी सिनेमा की स्वर्ण जयंती भी मना रहा है। 9 अप्रैल 1972 को पहली मणिपुरी फीचर फिल्म मातामगी मणिपुर रिलीज हुई थी। इसका निर्देशन देबकुमार बोस ने किया था। मणिपुरी सिनेमा की पांच दशकों की यात्रा संसाधनों के संकट, आवश्यक तकनीक पर निवेश की कमी और दर्शकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने के लिए आउटरीच तंत्र के अभाव को देखते हुए अद्भुत और साहसी रही है।
इफ्फी में पहली बार राज्यों में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई राज्य सरकारों ने फिल्म बाजार में अपना पवेलियन लगाया है। बिहार, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पुडुचेरी जैसे राज्यों ने अपने-अपने पवेलियन स्थापित किए हैं।
मणिपुर पवेलियन की थीम ‘मणिपुर अनएक्सप्लोर्ड’ है, इसका प्रबंधन मुख्य रूप से मणिपुर राज्य फिल्म विकास सोसायटी द्वारा किया जा रहा है। इस पवेलियन में नवोदित फिल्म निर्माताओं से ‘मणि की भूमि’ मणिपुर की ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत का पता लगाने का आह्वान किया गया है। इसका उद्देश्य फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करना और इस राज्य को फिल्म निर्माण के लिए एक पसंदीदा जगह के रूप में विकसित करना है। 

इस पवेलियन में लोकटक झील और कीबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान जैसे प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाया गया है जो दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है। इस पवेलियन में सांस्कृतिक विस्मय जैसे कि इमा मार्केट को भी दर्शाया गया है, जो कि पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित किया जाने वाला दुनिया का एकमात्र बाजार है।

सुनजू बचस्पतिमयुम, सचिव, मणिपुर राज्य फिल्म विकास सोसायटी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मणिपुरी संस्कृति में कहानी सुनाने की समृद्ध परंपरा है। उन्होंने ‘खोंगजोम पर्व’ का उदाहरण दिया जो कि सदियों पुरानी गाथागीत गायन परंपरा है।

वर्ष 2020 में मणिपुर सरकार ने राज्य फिल्म निर्माण नीति पेश की है। इस नीति का उद्देश्य अन्य बातों के अलावा फिल्म निर्माण प्रक्रिया में स्थानीय लोगों और हितधारकों के हितों को शामिल करना है।