अच्छी बारिश के चलते खरीफ फसलों के बंपर उत्पादन की उम्मीद
श्योपुर.Desk/ @www.rubarunewz.com-श्योपुर जिले में इस वर्ष बेहतर मानसून के चलते खरीफ फसलों के बंपर उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है। अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे खिले हुए है और वे खरीफ फसलो की बोवनी की तैयारियों में जुट गये है। इस वर्ष खरीफ सीजन में 1 लाख 74 हजार हेक्टयर क्षेत्र में बोवनी का लक्ष्य रखा गया है।
वर्तमान में किसान धान की फसल के लिए धान की पौध तैयार करने में लगे हुए है, जैसे ही धान की पौध रोपण की स्थिति में आयेगी, उसे खेतो में रोपने का कार्य किय जायेगा। इस सीजन में 88 हजार हेक्टयर में धान की बोवनी होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस मानसून में अभी तक 62 फीसदी बारिश हो चुकी है, चूकि जिले की औसत वर्षा 822 है और अभी तक 513.87 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है। गत वर्ष की तुलना करे तो आज की स्थिति में 284.4 मिली मीटर वर्षा हुई थी, जो खरीफ फसलों के लिए उतनी अधिक लाभदायी नही थी, जो इस वर्ष दिखाई पड रही है। अच्छी बारिश के चलते सिंचाई के लिए उपयोगी बांध और जलाश्य भी भरते जा रहे है। जिले का प्रमुख आवदा बांध अभी तक 72.43 प्रतिशत भर चुका है।
पिछले दिनों कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने कृषि विभाग सहित अन्य कृषि आदान विभागों की समीक्षा बैठक के दौरान खरीफ फसलों के लक्ष्य की समीक्षा करते हुए खाद-बीज की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये थे। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ सीजन में कुल 1 लाख 74 हजार हेक्टयर रकबा प्रस्तावित किया गया है, जिसमें 88 हजार धान के लिए, 26 हजार 500 बाजरा, 22 हजार 500 तिल की फसल, 8 हजार सोयाबीन फसल, 5 हजार मक्का फसल, 4 हजार हेक्टयर रकबा मूंगफली की फसल, उडद का 12 हजार 600, अरहर का 600, मूंग का 200, ज्वार का 300 हेक्टयर रकबा अनुमानित है।
इसके साथ ही फ्लोरीकल्चर की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किये जाने के साथ ही प्राकृतिक जैविक खेती को बढावा देने के निर्देश दिये गये थे। उन्होने कहा कि दलहन और तिलहन फसलों को बढावा दिया जायें, इसी क्रम में राष्ट्रीय मिशन ऑन ईडिबल ऑयल (तिलहन) एनएमईओ खरीफ 2025 में प्रदर्शन घटक के अंतर्गत तिल, मूंगफली एवं सोयाबीन बीज का वितरण विकास खण्ड स्तर पर निःशुल्क किया जा रहा है।
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अर्पित वर्मा ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि गुणवत्तायुक्त बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से नियमित रूप से खाद-बीज दुकानों का निरीक्षण किया जायें तथा सेम्पल लेकर जांच कराई जायें और अमानक स्तर के बीज एवं अन्य कृषि आदान सामग्री पाये जाने पर कार्यवाही की जायें।