ताजातरीनराजस्थान

देवउठनी एकादशी आज, बाजारों में दिखी रौनक,शुरू होंगे मांगलिक कार्यक्रम, बजेगी शहनाइयां

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- 4 माह से बंद मांगलिक कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवार देवउठनी ग्यारस के साथ होगी। देवउठनी एकादशी यानी देवोत्थान एकादशी पर शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन तुलसी-सालिग्राम का विवाह के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार एक साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं, एक महीने में दो एकादशी की तिथियां होती हैं। मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए सो जाते हैं और कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं। चतुर्मास एकादशी जून में थी। देवउठनी एकादशी के दिन चतुर्मास का अंत हो जाता है और मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रीहरि विष्णु इसी दिन राजा बलि के राज्य से चातुर्मास का विश्राम पूरा करके बैकुंठ लौटे थे, इस एकादशी को कई नामों से जाना जाता है जैसे देवोत्थान एकादशी, देवउठनी ग्यारस, प्रबोधिनी एकादशी। देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राजसूय यज्ञ करने से भक्तों को जिस पुण्य की प्राप्ति होती है, उससे भी अधिक फल इस दिन व्रत करने पर मिलता है।
बाजारों में दिखी रौनक
देवउठनी एकादशी पर होने वाले मांगलिक कार्यक्रमों के साथ ही बाजारों में रौनक लौट आई। एकादशी पर जिले में 200 से अधिक शादियों का योग है, शहर के सभी छोटे बड़े सभी मैरिज हॉल बुक हो चुके है। बाजार में भी रौनक देखी जा रही है। सोने-चांदी, बर्तन, इलेक्ट्रोनिक्स, रेडिमेड, कपड़े पर खरीददारो की अच्छी खासी भीड़ नजर आ रही है। इस माह 25 नवंबर को मतदान दिवस होने के बावजूद भी शादी के सीजन में रौनक देखने को मिल रही है। वहीं व्यापारियों के अनुसार इस बार देवउठनी एकादशी पर अच्छा व्यापार होने की आशा लगाई जा रही है।