राजस्थान

बाल विवाह शर्म की बात इस कलंक को मिटाएं- रेणु जयपाल

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- जिला कलेक्टर रेणु जयपाल ने कहा है कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की मुहिम की तस्वीर धरातल पर नजर आनी चाहिए। योजनान्तर्गत ऐसे कार्य किए जाएं जो बेटियों को स्वावलम्बी और आत्मविश्वासी बनाएं। जिला कलेक्टर ने योजना की जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में यह निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह होना जिले के लिए शर्म की बात है, इस कलंक को मिटाने के लिए गंभीरता से कार्य हो। जो बेटी बाल विवाह को नकार कर आगे बढी है, या जिन्होंने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया हो, उन्हें ब्रांड एम्बेसेडर बनाकर जागरूकता लाई जाए। साथिनों को पुलिस, न्यायिक अधिकारियों एवं अन्य विशेषज्ञ से प्रशिक्षण दिलाकर उनका क्षमतावर्धन किया जाए ताकि वे बालिकाओं, महिलाओं का सही मार्गदर्शन कर सकें।
ग्रामीण बालिकाओं को शिक्षा तथा स्वावलम्बन के लिए प्रेरित किया जाए। एनजीओ के माध्यम से रोचक गतिविधियां की जाएं। उन्हें शिक्षण सामग्री, हैल्थ एंड हाइजिन किट उपलब्ध कराएं, पोषण की जानकारी दें। शिक्षा को सतत् जारी रखने के लिए सुविधाएं दें। बोर्ड परीक्षा केन्द्र निकट हों। निःशुल्क कोचिंग व स्वरोजगार प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं की जाएं। उत्साहवर्धन के लिए चुनौतियों से जूझकर आगे बढी महिलाओं को सामने लाया जाए।
एक गांव बने आदर्श
जिला कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह की मुहिम चलाई जाए। एक गांव से शुरूआत कर वहां जागरूकता गतिविधि की जाएं। ग्रामीणों को बाल विवाह नहीं करने की शपथ दिलाई जाए। फिर उस गांव के उदाहरण को रोल मॉडल की तरह पेश करते हुए अन्य गांवों में भी यह अभियान चलाया जाए।
बैठक में महिला अधिकारिता से जुडी़ स्वयंसेवी संस्थाओं,सखी वन स्टॉप सेंटर, महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र ने कार्यों की समीक्षा की।
बैठक में विभाग के कार्यवाहक सहा.निदेशक जयसिंह ने गतिविधियों एवं आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी,
यूनिसेफ प्रतिनिधि मांगीलाल, महिला समाधान समिति सदस्य डॉ.नीतू नुवाल, फ्री बीइगं के संयोजक सर्वेश तिवारी एवं अन्य संस्थाओ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।