बाल श्रम उन्मूलन, सुरक्षित प्रवासन एवं संकटग्रस्त बच्चों के संरक्षण हेतु नीति रूपरेखा पर विचार-विमर्श

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सरिता मीणा ने अपने संबोधन में बाल श्रम उन्मूलन हेतु संवेदनशील, सहभागी व न्यायिक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “बाल श्रम न केवल एक कानूनी अपराध है, बल्कि यह बच्चों के अधिकारों और उनके भविष्य पर भी कुठाराघात करता है। हमें ऐसे बच्चों को संरक्षण, शिक्षा और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।
कार्यशाला में सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता हुकम चंद जाजोरिया ने जिले में बाल श्रम सहित बाल संरक्षण के अन्य मुद्दों पर बाल अधिकारिता विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) एवं एक्शन एड एसोसिएशन के सहयोग से किये गये कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में जिले में बाल अधिकारों की रक्षा, पुनर्वास, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन एवं बाल संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की गहन समीक्षा की गई। कलेक्टर गोदारा ने सभी विभागों को बाल संरक्षण की दिशा में समन्वित व ठोस कार्य करने के निर्देश दिए।
कार्यशाला में सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता हुकम चंद जाजोरिया ने जिले में बाल श्रम सहित बाल संरक्षण के अन्य मुद्दों पर बाल अधिकारिता विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) एवं एक्शन एड एसोसिएशन के सहयोग से किये गये कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में जिले में बाल अधिकारों की रक्षा, पुनर्वास, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन एवं बाल संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की गहन समीक्षा की गई। कलेक्टर गोदारा ने सभी विभागों को बाल संरक्षण की दिशा में समन्वित व ठोस कार्य करने के निर्देश दिए।