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चौथमाता मंदिर होगा मेले का भव्य आयोजन Chauthmata temple will be a grand event of the fair

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> संकट चतुर्थी व तिल चौथ पर बाणगंगा पहाड़ी पर स्थित चौथमाता के दरबार में भक्ति और श्रद्धा का सैलाब दिखाई पड़ेगा। यहाँतिल चौथ के अवसर पर भव्य मेले का आयेजन होगा, जिसमे अलसुबह दूर दराज से कोई एक लाख से अधिक श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंच मत्था टेका और मन्नत मांगते है। मेले में पग-पग पर श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न संगठनों की ओर भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

संकटों से मुक्ति पाने के लिए करें संकट चतुर्थ्ज्ञी का व्रत

यदि आप विभिन्न संकटों से मुक्ति प्राप्त करना चाहते हैं तो यह संकटा चौथ का व्रत अवश्य करें। जो आज 10 जनवरी, मंगलवार को मनाया जा रहा है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ही संकट या संकटा चौथ कहलाती है। इसे वक्रतुंडी चतुर्थी, माही चौथ, तिल अथवा तिलकूट चतुर्थी व्रत भी कहते हैं। पुराणों में इस संकट चतुर्थी का विशेष महत्व बताया गया है। विशेषकर महिलाओं के लिए इस व्रत को उपयोगी माना गया है। मान्यता है कि इस चतुर्थी के दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से जहां सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, वहीं इच्छाओं और कामनाओं की पूर्ति भी होती है। माघ माह में ब्राह्मण को तिल व गुड़ का दान करने से सभी प्रकार के जीव जंतु जनित पीड़ादायक नरकों से मुक्ति का विधान शास्त्रों में बताया गया है। इस दिन भगवान गणेश का चौथ माता सहित पूजन किया जाता है।

चौथमाता मंदिर होगा मेले का भव्य आयोजन Chauthmata temple will be a grand event of the fair

पूजन में श्रद्धा व भाव का है – विशेष महत्व 

श्री मुद्गल ज्योतिष अनुसंधान एवं शिक्षण संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद कुमार गौतम के अनुसार  पूजन में श्रद्धा व भाव का विशेष स्थान होता है । यदि आपके पास अधिक सामग्री न भी हो तो सच्चे मन से की गई किसी भी देवता की आराधना का फल अवश्य मिलता है। इस दिन माता सहित मंगलमूर्ति श्रीगणेश का पंचामृत से स्नान करने के बाद फल, लाल फूल, अक्षत, रोली, मौली अर्पित करना चाहिए। तिल से बनी वस्तुओं अथवा तिल-गुड़ से बने लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए। भगवान श्रीगणेश की अर्चना के साथ चंद्रोदय के समय अर्घ्य दिया जाता है। इस वर्ष  तिल-संकटा चौथ पर चंद्रोदय का समय 10 जनवरी, मंगलवार को  रात्रि 8.53 मिनट पर रहेगा। महिलाओं के दीर्घ समृद्धि गृहस्थ जीवन से संबंधित होने के कारण इस व्रत को सौभाग्य सुंदरी व्रत के रूप में भी किया जाता है। दान पुण्य के साथ ईश आराधन का विशेष महत्व है साथ ही  भगवान गणेश सहित चौथ माता के दर्शन  व अथर्वशीर्ष के पाठ, गणेश मंत्र – ’ॐ श्री गणेशाय नमः’ का जाप 108 बार किया जाना श्रेष्ठ रहेगा।

राशि अनुसार इस प्रकार करें आज दान

इस दिन तिल दान करने का अत्यधिक महत्व होता है। इस दिन गणेशजी को तिल के लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं में सर्वोच्च स्थान रखने वाले विघ्न विनाशक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना जो लोग नियमित रूप से करते हैं, उनकी सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। मंगलमूर्ति और प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश को संकटहरण भी कहा जाता है।  ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद कुमार गौतम के अनुसार इस दिन निम्न राशि वालों को इन पदार्थ का  दान करना  विशेष फलदायी रहेगा –

मेष और वृश्चिक राशि – जातक सफेद व काले मिश्रित तिल

वृषभ व तुला राशि- सफेद तिल

मिथुन व कन्या राशि- सफेद तिल व गुड़

कर्क राशि – सफेद तिल

सिंह राशि – रक्त चंदन के साथ सफेद तिल

धनु व मीन राशि – काले तिल के साथ गुड़

मकर व कुम्भ राशि – काले तिल