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बूंदी बना बाल अधिकारों की मिसाल– बाल विवाह व बाल श्रम के विरुद्ध चला जागरूकता अभियान

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- जिले में बच्चों के अधिकारों की रक्षा और सुरक्षित बचपन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बाल मैत्रीपूर्ण अभियान एवं बाल विवाह मुक्त बूंदी अभियान के तहत व्यापक स्तर पर सामुदायिक जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया। इन अभियानों ने ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह एवं बाल श्रम जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की हैं। तालेड़ा उपखंड के डाबी क्षेत्र के गांवों में आयोजित इन कार्यक्रमों में संवाद सत्र, समूह चर्चाएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के ज़रिए आमजन को जागरूक किया गया। विशेष रूप से किशोरियों के लिए ‘यस टू स्कूल’ अभियान के तहत स्कूल वापसी को लेकर प्रेरणादायक कहानियां साझा की गईं और उनके अधिकारों की जानकारी दी गई।
सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता  हुकमचन्द जाजोरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल मैत्रीपूर्ण अभियान एवं बाल विवाह मुक्त बूंदी अभियान 2.0 बहु विभागीय, एक्शन एड व अन्य अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय कर जून माह तक क्रियान्वित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि “बाल विवाह और बाल श्रम न केवल बच्चों का बचपन छीनते हैं, बल्कि समाज के भविष्य को भी अंधकारमय बनाते हैं। समुदाय की भागीदारी से ही इन बुराइयों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है। इन अभियानों के माध्यम से हम एक ऐसा वातावरण तैयार कर रहे हैं, जहाँ हर बच्चा शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान के साथ जी सके।” संरक्षण अधिकारी गोविंद कुमार गौतम ने बाल विवाह अधिनियम, बाल संरक्षण के बारे में बताते हुए बाल विवाह रोकथाम हेतु समुदाय के दायित्व व भूमिका के बारे मे बताया।
एक्शन एड-यूनिसेफ़ ज़िला समन्वयक ज़हीर आलम ने बताया कि इन प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक सोच और व्यवहार में बदलाव देखने को मिल रहा है। यह अभियान न केवल बालकों के अधिकारों को लेकर जागरूकता फैला रहा है, बल्कि बूंदी को राजस्थान में एक आदर्श बाल-हितैषी जिला बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
कार्यक्रम के दौरान आउट रीच वर्कर दीपिका वशिष्ठ, एक्शन एड व अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन समन्वयक सवाराम, एक्शन एड वॉलंटियर्स सुरेश कुमार रेगर, सुरेश भील, चाइल्ड लाइन से राम नारायण, परिता शर्मा, रवि, बुद्धि प्रकाश आदि उपस्थित रहे।