राजस्थान

मातृशक्ति हैं परिवार और समाज की धुरी – अभिलाशा यादव Mother power is the pivot of family and society – Abhilasha Yadav

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- विश्व हिन्दू परिषद के प्रमुख आयाम मातृशक्ति की राजस्थान की क्षेत्रीय संयोजिका अभिलाशा यादव रविवार को बून्दी जिले के प्रवास पर रही। जहां विहिप की जिला उपाध्यक्ष विजयलक्ष्मी शर्मा ने बूनदी जिला कार्यकारिणी की ओर से यादव का अभिनन्दन करते हुए कार्यकर्ताओं से परिचय करवाया।  बाहरली बून्दी में आयोजित बैठक में दायित्ववान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मातृशक्ति की क्षेत्रीय संयोजिका अभिलाशा यादव ने लव जेहाद के विरूद्ध जन जागरण की आवश्यकता बताते हुए संगठन के विस्तार पर चर्चा की। इस मौके पर विगत 6 माह के साथ आगामी 6 माही गतिविधियों की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए सत्संग, संस्कार केन्द्रों के माध्यम से संगठन को गति देने को कहा। संगठन की सुदृढ़िकरण के साथ षष्ठी पूर्ति योजना बनाते हुए आगामी समय में आयेजित होने वाली 60 वें स्थापना दिवस के भव्य आयोजन हेतु दिशा निर्देश दिए। कार्यक्रम में सहसंयेजिका रीना चितौडा व प्रचासर प्रमुख कृष्ण कान्त राठौर ने रामोत्सव, नववर्ष आयोजन के कार्यक्रमों पर जानकारी दी।

मातृशक्ति हैं परिवार और समाज की धुरी – अभिलाशा यादव Mother power is the pivot of family and society – Abhilasha Yadav

मातृशक्ति व दुर्गावाहिनी के सत्संग का किया अवलोकन
गीता भवन में आयोजित मातृशक्ति व दुर्गावाहिनी के सत्संग का अवलोकन व सहभागिता करते हुए मौजूद मातृशक्ति व दुर्गावाहिनी कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। समाज में मातृशक्ति के दायित्व व भूमिका पर बात करते हुए यादव ने कहा कि मातृशक्ति समाज व परिवार की धुरी होती है। समाज को सदी मायनों मे दिशा बोध करने का कार्य मातृशक्ति करती है। इसी दिशा बोध से समाज का युवा वर्ग अपने जीवन के पथ पर अग्रसर होता है। यहां पर मातृशक्ति संयोजिका अर्चना शर्मा ने संगठन की रीति नीति से अवगत करवाते हुए मातृशक्ति के उद्देश्यों और गतिविधियों के बारे में बताया, वहीं सहसंयोजिका रीना चित्तौड़ा ने समाज में व्याप्त लव जेहाद जैसी नवीन कुरीतियों पर जानकारी देते हुए नवीन तकनीकी संसाधनों के सीमित सदुपयोग कर बालक बालिकाओं के साथ अधिकतम समय व्यतित करने की आवश्यकता जताई। गीता भवन में आयोजित सत्संग में मौजूद मातृशक्ति व दुर्गावहिनी कार्यकर्ताओं ने संगठन की रीति नीति से भजन कीर्तन कर समाज को नवीन दिशाबोध करवाने का संकल्प लिया।