राजस्थान

96.3 प्रतिशत लोगो को नहीं मालूम की किस उम्र में तम्बाकू को ग्रहण करने की प्रवृत्ति सर्वाधिक होती है 

कोटा.K.K.Rathore/ @www.rubarunews.com>> तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और यही कारण था की 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व को इसके हानिकारक दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए 31 मार्च को विश्व तंबाकू निषेद दिवस घोषित किया | इसी अवसर पर कोटा राजस्थान से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संवेदना रिसर्च फाउंडेशन और सोसाइटी हैस ईव इंटरनेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | संवेदना रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. आर. सी. साहनी ने बताया की विश्व में तम्बाकू के बढते हुए खतरों को देखते हुए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ताकि ये जाना जा सके की लोगों में तम्बाकू और इससे जुड़े तथ्यों के बारे में कितनी जानकारी है | प्रतियोगिता की समन्वयक और सोसाइटी हैस ईव शी ट्रस्ट की ट्रस्टी डॉ. निधि प्रजापति ने बताया की क्विज में 15 प्रश्न पूछे जा रहे है जो तम्बाकू के प्रभाव, कारण, डब्लू एच ओ की भूमिका, उसकी थीम आदि से सम्बंधित है | रविवार शाम 5 बजे तक 270 लोगों ने प्रतियोगिता में भाग लिया जिसमें अफगानिस्तान, केन्या, टोगो, श्रीलंका, कोरिया सहित भारत के 17 राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया | जिसमें प्रमाण पत्र केवल उन्हीं को प्रेक्षित किया जा रहे है जिनके मार्क्स 70 प्रतिशत से अधिक है और आपको जानकर आश्चर्य होगा की केवल 37 प्रतिशत लोगो को ही ये प्रमाण पत्र प्राप्त हो सके | केवल 19 प्रतिशत लोगो को ही ये मालूम है की इस दिवस की शुरुआत 1988 में हुई वही 1.6 प्रतिशत लोग ऐसे भी है जिनका ये मानना है की तम्बाकू की वजह से कोरोना हो सकता है | सबसे अधिक चौकाने वाली बात तो ये सामने आई की लोगों ये मालूम ही नहीं है की किस उम्र में तम्बाकू को ग्रहण करने प्रवृत्ति सबसे अधिक होती है इस प्रश्न के उत्तर में केवल 7.7 प्रतिशत लोगों के जवाब सही थे | डॉ. निधि प्रजापति ने बताया की ये प्रतियोगिता आने वाले एक माह तक जारी रहेगी ताकि इस सन्दर्भ में अधिक से अधिक सूचना प्राप्त की जा सके और राष्ट्रपति से पुरस्कृत डॉ. साहनी के निर्देशन में आगे की जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित की जा सके |