राजस्थान

नशा मुक्ति की सबसे बड़ी दवा स्वयं की इच्छा शक्ति – डॉ.कुशवाह

बूंदी.KrishnaKantRathore/@www.rubarunews.com>> धुम्रपान या किसी भी नशे से मुक्ति पाने के लिए स्वयं की इच्छाशक्ति को मजबूत करना होगा प्रबल इच्छाशक्ति ही इसकी सबसे बड़ी दवा हैं। ऐसा कहना है आयुर्वेद चिकित्सालय के प्रभारी और वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डॉ. सुनील कुशवाह का। डॉ. कुशवाह आज उमंग संस्थान द्वारा आयोजित ऑनलाइन गोष्ठी को मुख्य वक्ता के रुप में सम्बोधित करते हुए कहा कि तम्बाकू या नशा केवल बीमारियों का ही नहीं गरीबी का भी कारण है, मजदूरी करने वाला भी औसतन 20-50 रुपए प्रतिदिन का खर्चा तम्बाकू या नशे के लिए करता है। नशे से शारीरिक ही नहीं सामाजिक क्रियाशीलता भी समाप्त हो जाती हैं।
उमंग संस्थान द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर आज ऑनलाइन गोष्ठी मुख्य वक्ता डॉ.सुनील कुशवाह के आतिथ्य और संस्थान के संरक्षक अनिल कुमार शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इस अवसर पर डॉ. कुशवाह ने कहा कि जहां धुम्रपान से फेफड़े में कैंसर होता हैं, वहीं कोकीन, चरस, अफीम लोगों में उत्तेजना बढ़ाने का काम करती हैं, जिससे समाज में अपराध और गैरकानूनी हरकतों को बढ़ावा मिलता है। वहीं इन तम्बाकू और नशीली वस्तुओं के उपयोग से व्यक्ति अवसाद और सुप्तावस्था, तपेदिक, निमोनिया, पेट व साँस की बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है।
संरक्षक अनिल शर्मा “भैयाजी” ने सभी को नशा और धुम्रपान नहीं करने और अन्य को नशा और धुम्रपान त्यागने के लिए प्रेरित करने की शपथ भी दिलवाते हुए कहा कि नशा और धुम्रपान से केवल सेवन करने वाला ही नहीं अपितु उनका परिवार और साथी सभी पीड़ित रहते हैं। इस अवसर पर मार्गदर्शिका रेखा शर्मा तथा अमन दाधिच, लोकेश नारायण ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
संस्थान के सचिव कृष्ण कान्त राठौर ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यापक जन जागरुकता और इच्छाशक्ति के द्वारा ही नशा और धुम्रपान से मुक्ति पाई जा सकती हैं। संचालक कर रहे लोकेश कुमार जैन ने बताया कि गोष्टी में डॉ.सुनील कुशवाह द्वारा संभागीय के विभिन्न प्रश्नों का समाधान भी किया और सभी को विभिन्न व्यवसनों से बचने के लिए आयुर्वेदिक एवं घरेलू नुस्खों के बारे में जानकारी प्रदान की। गोष्ठी में महावीर सोनी, जय सिंह सोलंकी, अमन दाधीच, गणेश कँवर, अनुराधा जैन, रेहाना चिश्ती, नमिता जिंदल, गुरमीत सिंह, राशि माहेश्वरी सम्मिलित रहे।