जिले की 182 में से 91 ग्राम पंचायतें क्षय रोग मुक्त
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-टीबी जैसी संक्रमित बीमारी को सरकार देश से वर्ष 2025 तक खत्म करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसी के मद्देनजर प्रदेशभर में ग्राम पंचायत टीबी मुक्त अभियान अभियान चलाया गया है, जिसके तहत प्रदेश की 9325 ग्राम पंचायत टीबी मुक्त होंगी। इनमें बूंदी जिले की कुल 182 ग्राम पंचायतों में से 91 ग्राम पंचायतें क्षय रोग से मुक्त हो चुकी है। टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान का उद्देश्य सक्रिय रूप से अज्ञात टीबी रोगियों को ढूंढ निकालना और टीबी के लक्षण मिलने पर जांच कराना एवं जांच में टीबी रोगी पाए जाने पर उसे चिकित्सक के पास भेजकर उपचार कराना है।
6 मानकों पर खरी उतरने वाली होगी टीबी मुक्त ग्राम पंचायत
’ 30 जांच प्रति वर्ष प्रति हजार जनसंख्या होंगी।
’ एक या एक से कम मरीज प्रति हजार प्रति वर्ष।
’ नोटिफाइड मरीजों में से 60 प्रतिशत की यूडीएसटी जांच होगी।
’ नोटिफाइड मरीजों की संख्या 100 प्रतिशत निश्चय पोषण योजना डीबीटी एनपीवाई होना जरूरी है।
’ सभी नोटिफाइड मरीजों को निक्षय मित्र द्वारा सपोर्ट मिलना जरूरी है।
’ डीएसटीबी मरीजों की 85 प्रतिशत से अधिक सक्सेस रेट होना आवश्यक है।
जिले में टीबी के मरीजों की स्थिति
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. कुलदीप मीणा ने बताया कि वर्ष 2019 में 2533 व्यक्ति टीबी रोग से मुक्त हुए है। इसी तरह वर्ष 2020 में 2205, वर्ष 2021 में 2259, वर्ष 2022 में 3181, वर्ष 2023 में 2899 रोगियों को क्षय रोग से मुक्ति दिलाई जा चुकी है।
सामुदायिक जागरूकता के लिए स्कूल, कॉलेजों में कार्यशाला, ग्राम सभा में बैठकें, रैली, पीएचसी-सीएचसी पर रोगियों की बैठकें, आईईसी के माध्यम से प्रचार-प्रसार, टीबी रोगी को निक्षय मित्र द्वारा सामुदायिक सहायता के लिए पंचायत प्रतिनिधि, सांसद, विधायक, व्यापारियों एवं ट्रस्टों को निक्षय मित्र बनाया जा रहा है। सक्रिय टीबी रोगियों की खोज की जा रही है। वर्तमान मरीजों का पब्लिक हेल्थ एक्शन जैसे तम्बाकू, शुगर जांच, यूडीएसटी जांच आदि कराई जा रही हैं।