सिंचाई के संसाधनों से महिलाएं पकड़ रही हैं तरक्की की रफ्तार
श्योपुर.desk/@www.rubarunews.com>> राज्य सरकार द्वारा सिंचाई के संसाधनो को बढाने की दिशा मंे निरतंर प्रयास किये जा रहे है। इन प्रयासो को जिला प्रशासन की पहल पर आगे बढाया जा रहा है। जिसमें श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल की महिलाएं आजीविका एसएचजी से जुड़कर अपनी आय बढ़ाने में सहायक बन रही है। साथ ही तरक्की की दिशा में महिलाएं रफ्तार पडक रही है।
कराहल आदिवासी विकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम सेसइपुरा में म.प्र.डे.रा.ग्रा. आजीविका मिशन की कर्मचारियों द्वारा ग्राम संगठन की बैठक आयोजित कर क्षेत्रीय महिलाओं को स्वसहायता समूहों के माध्यम से अपनी आय बढ़ाने की समझाइश दी गई। साथ ही महिलाओं को सिंचाई के लिए नलकूप खनन के माध्यम से आजीविका बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रेरणा से महिलाओं ने स्वसहायता समूह के माध्यम से अपनी दृढ़ इच्छाषक्ति और लगन के मद्देनजर पीएफटी सदस्य के माध्यम से महिलाओं को मिलने वाली मदद फल-फूल, साग-भाजी उद्वहन सिंचाई एवं पेयजल सहकारी समिति के गठन कर किया गया।
इसी प्रकार आजीविका मिशन के कर्मचारियों की प्रेरणा से स्वसहायता समूह की महिलाओं को आदिवासी विकासखंड कराहल के 32 ग्रामों में 30 ग्राम फल फूल साग भाजी उद्वहन एवं पेयजल समिति का गठन सहकारिता विभाग के माध्यम से किए गए कार्यों की जानकारी दी। साथ ही कृषि विभाग के समन्वय के माध्यम से 32 ग्रामों में 315 कृषक समूहों के यहाॅं 113 नलकूप खनन का कार्य देने की समझाइश दी। जिसका अनुसरण करती हुई, स्वसहायता समूह की महिलाओं ने नलकूप सिंचाई की दिशा में अपने कदम बढ़ाए। इसी प्रकार उद्यानिकी विभाग के माध्यम से 273 समूहों को स्प्रििंकलर सिस्टम के द्वारा अपने-अपने गांवों के क्षेत्र में फसलों की सिंचाई करना प्रारंभ किया।
जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम सेसइपुरा क्षेत्र के समूहों की महिलाओं ने व्यावसायिक सब्जियों का उद्पादन प्रारंभ किया। साथ ही आजीविका की दिशा में स्वहसहायता समूहों से ऋण लेकर अपनी आय में वृद्धि करने की दिशा में कदम बढा रही है। यह सब करिश्मा जिला प्रशासन की प्रेरणा पर म.प्र.डे.रा.ग्रा. आजीविका मिशन के माध्यम से तीन संकुल के 32 ग्रामों में 113 नलकूप खनन कराकर 1633 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा के कारण हुआ है। इस सुविधा से 1307 परिवार एवं 315 समूह लाभ उठाकर प्रगति की राह पकड़ने में सहायक बन रहे हैं।