राजस्थान

घर जाने की घड़ी आई तो फूले न समाए प्रवासी श्रमिक

बूंदी.KrishnaKantRathore/ @www.rubarunews.com>>लाॅक डाउन से पहले गोलपुर गांव के समीप मजदूरी का काम करने आए पश्चिमी बंगाल के बांकुरा जिला निवासी तपन दत्तव की अपने घर जाने की आस गुरूवार को पूरी हुई। तपन काम करने के लिए गोलपुर क्षेत्र में आया हुआ था। इसी दौरान लाॅक डाउन होने के कारण वह यहीं रह गया।लंबे समय तक राज्य सरकार की मंशानुरूप प्रशासन की ओर से उसके रहने और खाने पीने के उचित प्रबंध से उसे किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। गुरूवार को जब तपन दत्तव को उसके घर जाने के लिए इंतजाम की सूचना मिली तो वह फूला न समाया। वह राज्य सरकार की संवेदनशीलता के लिए बार-बार आभार जताते हुए अपने घर के लिए रूखसत हुआ।
बूंदी मंे मजदूरी या अन्य कार्यों से आजीविका चलाने वाले बंगाल और बिहार के 55 प्रवासी श्रमिकों की गुरूवार को उनके घर विदाई की गई। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य में लागू लाॅक डाउन के चलते यह श्रमिक अपने घर जाना चाहते थे, लेकिन आवागमन की सुविधा नहीं होने से ये यहीं जिला प्रशासन द्वारा की गई प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी की व्यवस्था के अंतर्गत गुरुवार को हायर सैकेण्डरी स्कूल परिसर से 55 प्रवासी श्रमिकों को बसों के माध्यम से कोटा भेजा गया जहां से ट्रेन द्वारा उन्हें गंतव्य स्थल को भेजा जाएगा।
जिला प्रशासन ने जन सहयोग से व्यवस्था कर बसों के जरिए प्रवासी श्रमिकों को कोटा में बनाए गए कैंप के लिए रवाना किया।हायर सैकेण्डरी स्कूल परिसर में चिकित्सकों की टीम ने प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग की। इसके बाद तहसीलदार भारत सिंह राठौड तथा चर्मेश शर्मा ने श्रमिकों को फूड पैकेट वितरित किए।
अपने घरांे को लौट रहे श्रमिकों ने प्रसन्नता पूर्वक कहा कि राजस्थान सरकार ने संकट की इस घडी में उनको भरपूर मदद की। सरकार के प्रयासों के बदौलत अब वह अपने परिवार के बीच होंगे। प्रशासन ने सहानुभूति दिखाते हुए हमारी पीड़ा को समझा। श्रमिकों ने बताया कि बूंदी जिला प्रशासन की ओर से हमारे रहने, खाने-पीने का उचित प्रबंध किया।