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आदिवासी हमारे देश की शान हैं – उपराष्ट्रपति

नईदिल्ली .Desk/ @www.rubarunews.com>>भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि आदिवासी हमारे देश की शान हैं। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से आये आदिवासी छात्र-छात्राओं से उपराष्ट्रपति निवास पर मुलाकात करते हुए श्री धनखड़ ने कहा “मैं आपको यही कहूंगा कि आप इस देश के मालिक हैं। आप जमीन से जितना जुड़े हुए हैं, और कोई नहीं जुड़ा हुआ है।”

उपराष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 2024 की शुरुआत मेरे लिए, राज्य राज्यसभा परिवार के लिए और उपराष्ट्रपति के परिवार के लिए बहुत ही सौभाग्यशाली रहेगी क्योंकि आपके कदम यहां पड़ चुके हैं।

श्री धनखड़ ने कहा कि जनजाति की ताकत को यदि समझना है, इसके महत्व को समझना है, इसकी प्रतिभा को समझना है तो राष्ट्रपति भवन चले जाइए। जनजाति की महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति हैं, और आज जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, सबसे जीवंत लोकतंत्र है, अप्रत्याशित प्रगति की ओर चल रहा है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज का भारत बदल गया है, और यही कारण है कि भारत के तीन सर्वोच्च पद- नंबर एक पर एक ट्राइबल महिला हैं, नंबर दो पर किसान पुत्र है और नंबर तीन पर है अन्य पिछड़ा वर्ग से और दुनिया में क्रांति भारत की वजह से आ रही है।

अपने वकालत के दिनों का जिक्र करते हुए श्री धनखड़ ने बताया कि उनका छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा और कर्नाटक में धरवाड़ जैसी जगहों पर बहुत आना जाना रहा था। इन जगहों की एक खास बात है कि ईश्वर ने इन पर बड़ी कृपा की है और ये नेचुरल रिसोर्सेस से  भरपूर हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2014 में एक बदलाव आया और भारत के प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि इन इलाकों की पहचान खनन से नहीं होनी चाहिए, बल्कि वहां के प्रतिभाशाली लोगों से होनी चाहिए।

श्री धनखड़ ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है जो हमें प्रेरणा देता है और दुनिया को पता लग गया है कि वह कौन हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत अमृत काल में है और दुनिया हमारी प्रगति को देखकर आश्चर्यचकित है।

उपराष्ट्रपति ने उपस्थित छात्रों से आह्वान किया कि 2047 में जब भारत आजादी के 100 साल का पर्व मनायेगा, उसके कर्णधार आप हैं, उसके योद्धा आप हैं। आपके सबल कंधों पर ही विकसित भारत का निर्माण होगा।

सभी छात्रों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि सदा स्वस्थ रहें, स्वस्थ सोचे, बिल्कुल नहीं डरे। कई बार हम लोग गांव से आते हैं तो हमें डर लग जाता है शहर की चमक दमक से। उन्होंने कहा कि मत डरिए क्योंकि शहरों में भी ताकत ग्रामीण की ही है, ट्राइबल की ही है।

उपराष्ट्रपति निवास पर भेंट के बाद सभी छात्र-छात्राओं ने संसद का भ्रमण किया।

इस अवसर पर डॉ सुदेश धनखड़, राज्य सभा के महासचिव, पी सी मोदी, उपराष्ट्रपति के सचिव सुनील गुप्ता, राज्य सभा के सचिव रजित पुन्हानी, अवर सचिव श्रीमती वन्दना कुमार सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

पृष्ठभूमि-

छत्तीसगढ़ & मध्य प्रदेश के आदिवासी छात्र-छात्राओं ने ‘जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम’ के तहत संसद भ्रमण किया और उपराष्ट्रपति निवास पर भारत के उपराष्ट्रपति से भेंट की।

गृह मंत्रालय द्वारा पिछले 15 वर्षों से जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम (TYEP) का संचालन युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) के माध्यम से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में दूर-दराज के व उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के जनजातीय युवक / युवतियों को देश भर के प्रमुख शहरों में भ्रमण पर ले कर जाते हैं। इस कार्यक्रम के उद्देश्य प्रमुखतः आदिवासी युवाओं की आकांक्षा (aspiration) बढ़ाना, उन्हें देश के विकास गतिविधियों, योजनाओं व रोजगार के अवसरों से अवगत कराना और देश के दूसरे भागों के युवाओं से मिलवाना है। 2006-07 से 2022-23 तक, कुल 25,880 आदिवासी युवकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया है।

इस वर्ष TYEP में देश भर के 25 प्रमुख शहरों में कार्यक्रम हो रहे हैं एवं प्रत्येक कार्यक्रम में 200 प्रतिभागी होते हैं। गुरुग्राम (हरियाणा) में भी एक कार्यक्रम 15 से 21 जनवरी, 2024 तक हो रहा है। इस कार्यक्रम में भाग ले रहे छात्र-छात्राएं ही आज उपराष्ट्रपति से मिले हैं। 140 प्रतिभागी छ्त्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकुमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और राजनंदगांव से हैं जबकि 60 प्रतिभागी मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से हैं।