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सोयाबीन उत्पादन तकनीक एवं पौध संरक्षण विषय पर दिया प्रशिक्षण

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- कृषि विज्ञान केन्द्र में मंगलवार को मॉडल ऑइलसीड विलेज के अन्तर्गत अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के तहत केशवरायपाटन पंचायत समिति क्षेत्र के चयनित गाँव भीया के किसानों को सोयाबीन उत्पादन तकनीक एवं पौध संरक्षण विषय पर प्रशिक्षण दिया गया।

केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. हरीश वर्मा ने बताया कि जिले में सोयाबीन की पैदावार बढ़ाने के लिए माॅडल ऑइलसीड विलेज कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य सोयाबीन की पैदावार बढ़ाना एवं स्थानीय स्तर पर उन्नत किस्मों के बीजों की उपलब्धता बढ़ाना हैं। साथ ही बताया कि एकीकृत फसल उत्पादन विधियों एवं समन्वित कीट रोग प्रबन्धन तकनीकों को अपनाकर कृषक सोयाबीन की अधिकतम पैदावार लेते हुए अपनी आय को बढ़ा सकते हैं एवं उत्पादित सोयाबीन बीज को आगामी बुवाई के लिए बीज के रुप में रखकर काम में ले सकते हैं एवं स्थानीय स्तर पर अन्य कृषकों को विक्रय भी कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने इनके कीट रोग की पहचान एवं प्रबन्धन के उपाय की जानकारी देते हुए बुवाई से पूर्व बीजोपचार कार्बेन्डाजिम फफूँदीनाशक 2 ग्राम प्रति किलो, कीटनाशक थायोमिथाक्जेम 30 एफ.एस. 10 मिली प्रति किलो एवं राइजोबियम व फास्फोबेक्ट्रीन जीवाणु कल्चर 5 मिली प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करने की सलाह दी।

तिलहन तकनीकी सहायक विजेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि सोयाबीन की किस्म जे.एस. 20-116 मध्यम अवधि में पकने वाली किस्म है जो 95-100 दिनों में पककर अनुकूल परिस्थितियों में 20-25 क्विंटल प्रति हैक्टर की पैदावार देती है। इस किस्म में सफेद रंग के फूल, तने व फलियाँ चिकनी होती है। यह मध्यम ऊंचाई की, पीले रंग के दाने एवं उच्च अंकुरण क्षमता वाली किस्म है। बीज मध्यम आकार, एवं काले रंग नाभिका वाले होते है। इसमें तेल की मात्रा 19-20 प्रतिशत पायी जाती है। यह बहू प्रतिरोधी किस्म है जो जैविक व्याधियों जैसे पीला मोजेक, चारकोल सड़ने, राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट, पत्ती धब्बा, तना मक्खी, तना छेदक एवं पत्ती भक्षक इल्लियाँ के प्रति सहनशील है। आये हुए कृषकों को सोयाबीन किस्म जे.एस. 20-116 के प्रदर्शन हेतु आवश्यक आदान वितरित किये।

प्रशिक्षण में पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ. घनश्याम मीणा, वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता दीपक कुमार, फार्म मेनेजर महेन्द्र चैधरी, लोकेश प्रजापत, विजेन्द्र कुमार वर्मा, दुर्गा सिंह सोलंकी एवं रामप्रसाद ने सहयोग प्रदान किया।