मध्य प्रदेशश्योपुर

पंचायतों में ‘‘निगहबान‘‘ हुई ‘‘तीसरी आंख‘‘The “third eye” became the “watchdog” in the panchayats

श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>>ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित सरकारी संस्थाओं, ग्रामीणों को सेवा एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने में लापरवाही तो नही बरत रही है, इनमें पदस्थ मैदानी अमला लोगों को शासन की मंशा के अनुरूप योजनाओं, कार्यक्रमों, सेवाओं एवं सुविधाओं को उपलब्ध कराने में किसी प्रकार की कौताही तो नही बरत रहे है, इन सब पर निगाह रखने के लिए अब हर हर पंचायत में ‘‘तीसरी आंख‘‘ निगहबान हो गई है।
कलेक्टर संजय कुमार ने निषादराज भवन श्योपुर में आयोजित विकासखण्ड श्योपुर तथा कराहल की पंचायतों में तीसरी आंख के रूप में नियुक्त डीएम फेलो की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अच्छे मन से सेवा की भावना रखने वाले लोग इस भूमिका से जुडे, गलत इरादे के साथ इस मुहिम से ना जुडे, गांव के विकास की भावना, लोगों की भलाई करने के उद्देश्य से अपने गांव के मददगार बने। उन्होंने कहा कि मंशा यह है कि जिस भी मैदानी कर्मचारी एवं अधिकारी को जो दायित्व अपनी ड्यूटी के लिए मिला है, उसका निर्वहन वह जिम्मेदारी से करें, गांव में जिनकी जो पात्रता है, उसका लाभ उन ग्रामीणों को आसानी से मिलें। गांव में लोगों को राशन तो ठीक मिल रहा है, स्कूल में पढाई हो रही है, शिक्षक, पटवारी नियमित रूप से आ रहे है, टीकाकरण कार्यक्रम, आंगनबाडी संचालन तथा पंचायत सचिव का कार्य ठीक चल रहा है, पेयजल व्यवस्था सुचारू है, बिजली की परेशानी नही है आदि छोटे-छोटे काम है, जिनके लिए ग्रामीणों को यहां-वहां न भटकना पडे।

पंचायतों में ‘‘निगहबान‘‘ हुई ‘‘तीसरी आंख‘‘The “third eye” became the “watchdog” in the panchayats

शासन की मंशा के अनुसार उनके काम आसानी से हो तथा योजनाओं का लाभ मिलें, इसी उद्देश्य से डीएम फेलो नियुक्त किये गये है। उन्होंने कहा कि डीएम फेलो विन्रमता के साथ अपना कार्य करें, कमिया होने या किसी कर्मचारी के द्वारा काम में लेट लतीफी करने, गांव में नही आने से संबंधित जानकारी, फोटो, वीडियो बनाकर गु्रप पर डाले जायेगे, यदि हितग्राही को लाभ नही मिल रहा है या उसका पटवारी, पंचायत सचिव से संबंधित कार्य नही हो रहा है तो छोटी सी क्लिपिंग बनाकर गु्रप पर डाली जाये, जिससे उनका फॉलोअप करते हुए तत्काल कार्य कराया जायेगा। उन्होने बताया कि आपके माध्यम से प्राप्त जानकारी का सत्यापन संबंधित विभाग से कराया जाकर संबंधित पर कार्यवाही भी की जायेगी। यदि जानकारी गलत पाई गई तो डीएम फेलो को इस कार्य से मुक्त कर दिया जायेगा, उन्होने स्पष्ट किया कि यह कोई नौकरी नही है, न ही किसी प्रकार का मानदेय दिया जायेगा, इसमें केवल सेवा भावी लोग ही जुडे।
कलेक्टर संजय कुमार ने कहा कि डीएम फेलो को जिला प्रशासन की ओर से एक आईडी भी दी जायेगी। नेक उद्देश्य के साथ आम लोगों की भलाई के लिए तथा अपने गांव की व्यवस्थाओं में ओर अधिक सुधार की भावना के साथ अपनी भूमिका निभाये। कोई कर्मचारी गांव में अच्छा कार्य कर रहा है तो उसकी जानकारी भी दे, जिससे विभिन्न अवसरो पर उन्हें सम्मानित किया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि डीएम फेलो के रूप में चिन्हित किये गये ऐसे लोग जो कि मैदानी कर्मचारियों के रिश्तेदार है, वे अपने आप को इस मुहिम से अलग कर लें। इसके साथ ही उन्होंने सीईओ जनपद पंचायत  एसएस भटनागर, अभिषेक त्रिवेदी को निर्देश दिये कि ऐसे लोगों को स्कूटनी कर अलग किया जाये तथा उनके स्थान पर तटस्थ भूमिका निभाने वाले लोगों को शामिल किया जायें।