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भगवान श्री कृष्ण का जीवन हमें विषम परिस्थितियों में भी कर्म करते रहने का संदेश देता है- जिला शिक्षा अधिकारी श्री तोमर

श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com-
मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर  लोकेश कुमार जांगिड के मार्गदर्शन में स्कूल तथा कॉलेजो में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के भव्य आयोजन संपन्न हुए। जिला शिक्षा अधिकारी  रविन्द्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक स्कूल श्योपुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में खंड शिक्षा अधिकारी सुश्री मधु शर्मा तथा जिला संगठक डॉ ओपी शर्मा उपस्थित रहें।
मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी श्री तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान श्री कृष्ण का पूरा जीवन शिक्षाओं और प्रेरणाओं से भरा है। भगवान श्री कृष्ण का जीवन हमें विषम परिस्थितियों में भी कर्म करते रहने का संदेश देता है। उन्होने कहा कि हमें हर परिस्थिति में कर्म करते रहना चाहिए, उनके अनुसार फल अवश्य मिलेगा। भगवान श्री कृष्ण ने संसार को प्रेम और भाईचारे के साथ मानवता का संदेश दिया है। इस प्रकार के आयोजनो से हमें अपनी सनातन संस्कृति को समझने और जीवन में उतारने की प्रेरणा मिलती है।
मुख्य वक्ता डॉ ओपी शर्मा ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर प्रेरक उद्बोधन देते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म जेल में हुआ, उनके जन्म के साथ माता तथा पिता कि बेड़िया स्वतः हट गई. प्रहरी गहरी नींद में सो गए. उन्होने जन्म के समय शंख, चक्र गदा तथा पदम् धारण किए प्रत्यक्ष दर्शन दिए, काली अँधेरी रात्रि में जन्म फिर वहां से वसुदेव जी के साथ यमुना पार करके गोकुल जाना यहां माँ यशोदा को माँ का सुख प्रदान करने तथा बाद में पूतना के द्वारा विष मिला दूध पिलाने से लेकर अनेक असुरो को कंस ने भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिये भेजा, और उन्होने किस प्रकार खेल खेल में सभी असुरो को मार दिया, उन्होने अपने जीवन में संकट का सामना धैर्य से करते हुए आसुरी शक्तियों का विनाश किया तथा मामा कंस के अन्याय तथा अत्याचार का अंत किया। उन्होंने भगवान होते हुए भी उज्जैन में संदीपनी आश्रम में 64 दिनों में 64 कलाओ, 16 विद्याओ, 18 पुराण तथा 4 वेद एवं सभी उपनिषद का अध्ययन किया। उन्होंने मित्रता में सुदामा से मित्रता कर अमीरी ग़रीबी के भेदभाव को मिटाने का संदेश दिया। भगवान श्री कृष्ण के जीवन के हर पक्ष से हम जीवन कि समस्याओं का हल निकाल सकते है, गीता के ज्ञान द्वारा दिया गया कर्म का संदेश विद्यार्थियों को निराशा के गर्त से बाहर निकालकर उन्हें कर्तव्य पालन कि प्रेरणा देता हे.महाभारत काल में श्रीकृष्ण अर्जुन के सारथी बनकर धर्म का संदेश देते है वही शक्तिमान होते हुए भी बिना हथियार के सारथी बनना, युद्ध के मैदान में गीता का उपदेश, तथा अंत में पांडवो के रूप में धर्म कि जीत आज भी मानव समाज को नैतिक मूल्यों कि शिक्षा देते है. गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसमे संसार कि सारी समस्याओं का हल निहित है।
सुश्री मधु शर्मा खंड शिक्षा अधिकारी ने विद्यार्थियों से ध्यान तथा योगा एवं अनुशासन सीखने पर बल दिया. प्रभारी प्राचार्य श्री जेपी जाटव तथा श्री संतोष मिश्रा ने भी प्रेरक उद्बोधन दिये। संचालन श्रीमती प्रीति भटनागर ने किया। कार्यक्रम के बाद एन एस एस के सहयोग से एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पौधरोपण किया गया।

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com