जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आयुष कार्यक्रम मजबूत करें Strengthen AYUSH programs to enhance quality of life
नईदिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com>> “चिकित्सा के पारंपरिक रूप की हमारी समृद्ध विरासत और क्षमता मानवता की पीढ़ियों को बेहतर, स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए समय की कसौटी पर खरी उतरी है। हमें चिकित्सा के इस उदार रूप का पूरा लाभ उठाना चाहिए- चाहे वह आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सोवा रिग्पा या होम्योपैथी हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हम चिकित्सा के पारंपरिक रूपों को आधुनिक चिकित्सा के साथ वैज्ञानिक रूप से एकीकृत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल ने केंद्रीय आयुष, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री, डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई के साथ राष्ट्रीय आयुष मिशन की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।
केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल ने केंद्रीय आयुष, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री, डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई के साथ राष्ट्रीय आयुष मिशन की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर तमिलनाडु के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री थिरु मा सुब्रमण्यम; कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव; आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा सहित आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु, केंद्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी, लक्षद्वीप और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
आयुष चिकित्सा प्रणाली की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा, “स्कूली बच्चों के लिए स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए आयुष के पास आयुर्वेद जैसे कुछ मजबूत कार्यक्रम हैं; सुप्रजा: मातृ एवं नवजात शिशु के हस्तक्षेप के लिए आयुष; वयोमित्र जो आयुष आधारित वृद्धावस्था कार्यक्रम है; ऑस्टियोआर्थराइटिस और अन्य मस्कुलोस्केलेटल विकारों की रोकथाम और प्रबंधन, आयुष मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ आदि आयुष प्रणालियों को मजबूत करेंगी।
बैठक में भाग लेने वाले सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने आयुष की स्थिति और कार्यान्वित किए जाने वाले प्रमुख आयुष कार्यक्रमों की प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं।
जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आयुष कार्यक्रम मजबूत करें Strengthen AYUSH programs to enhance quality of life
आयुष मंत्रालय 2023-24 तक राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के सहयोग से 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एएचडब्ल्यूसी) चालू कराने की दिशा में काम कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य आयुष सिद्धांतों और कार्य प्रणालियों के आधार पर संपूर्ण स्वास्थ्य मॉडल स्थापित करना है ताकि बीमारी के बोझ को कम करने, जेब से बाहर खर्च और जरूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करने के लिए “स्व-देखभाल” के लिए जनता को सशक्त बनाना है। आयुष मंत्रालय ने अब तक 719.70 करोड़ रुपये दक्षिणी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, पुद्दुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना) को एनएएम के तहत 2014-15 में जारी किए हैं। मंत्रालय ने दक्षिणी राज्यों में 17 एकीकृत आयुष अस्पतालों को भी समर्थन दिया है और उनमें से 6 चालू हैं, जैसा कि उनके द्वारा बताया गया है। 12,500 एएचडब्ल्यूसी में से मंत्रालय ने पहले ही दक्षिणी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 2181 एएचडब्ल्यूसी को सहयोग किया है और उनमें से 1518 को उनके द्वारा चालू बताया गया है।
इस अवसर पर डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा, “मेरा मानना है कि हमें आउटपुट की तुलना में कार्यक्रम मूल्य के अधिक सार्थक उपाय के रूप में परिणामों पर जोर देना होगा। हमें अपने प्रदर्शन की योजना बनाने, उसे क्रियान्वित करने और रिपोर्ट करने के लिए अपनी रणनीतियों और तकनीकों को फिर से व्यवस्थित करना होगा जिससे परिणामों को मापने में सुविधा हो। मुझे विश्वास है कि इस तरह की चर्चाओं से हमें एक-दूसरे की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखने और हम सभी के बीच एक मजबूत संबंध बनाने का अवसर मिलेगा।”
2022-23 तक, 315 आयुष अस्पतालों और 5,023 आयुष औषधालयों को बुनियादी ढांचे और अन्य सुविधाओं के उन्नयन के लिए सहायता दी गई है। 13 नए आयुष शैक्षणिक संस्थानों के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है और 77 स्नातक और 35 स्नातकोत्तर आयुष शैक्षणिक संस्थानों को बुनियादी ढांचे, पुस्तकालय और अन्य चीजों के उन्नयन के लिए समर्थन दिया गया है।
एनएएम के तहत, मंत्रालय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और जिला अस्पतालों (डीएच) में आयुष सुविधाओं के सह-स्थान, एकीकृत आयुष की स्थापना के लिए दक्षिणी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों सहित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता प्रदान कर रहा है। अस्पताल, नई आयुष औषधालय, मौजूदा आयुष औषधालयों और उप-केंद्रों को उन्नत करके आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का संचालन, यूजी और पीजी आयुष शिक्षा संस्थानों का उन्नयन, ताकि लोग अधिक आयुष स्वास्थ्य सुविधाओं से सेवाओं का लाभ उठा सकें।
देशभर में आयुष, स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के स्वप्न और उद्देश्यों के साथ एनएएम को जरूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करने के लिए सुविधाओं को मजबूत और बेहतर बनाकर लागू किया जा रहा है। एनएएम के तहत, मंत्रालय ने कर्नाटक में 02 नए आयुष शैक्षणिक संस्थानों और आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 01-01 आयुष शैक्षणिक संस्थान का भी सहयोग किया है और उनमें से 02 कर्नाटक में चालू हैं। वर्ष 2022-23 तक, 137 एकीकृत आयुष अस्पतालों को सहायता दी गई है और उनमें से 37 कार्यात्मक हैं, 86 निर्माणाधीन हैं और 14 प्रक्रिया में हैं। 2022 में एएचडब्ल्यूसी के माध्यम से 8.42 करोड़ से अधिक लोग आयुष चिकित्सा प्रणाली से लाभान्वित हुए।