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आरईसी लिमिटेड ने असम में ‘बिजली उत्सव’ का आयोजन किया REC Limited organizes ‘Bijli Utsav’ in Assam

असम.Desk/ @www.rubarunres.com>> स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को लेकर मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के तहत भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत एक महारत्न कंपनी- आरईसी लिमिटेड ने बक्सा जिले के आनंदपुर और इसके आस-पास के गांवों में ‘बिजली उत्सव’ का आयोजन किया। अनेक गणमान्य व्यक्तियों जैसे कि बोडोलैंड क्षेत्री परिषद के प्रवक्ता  कटिराम बोरो, बक्सा के अतिरिक्त उप आयुक्त डॉ. अशरफुल अमीन, आनंदपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य  खगेंद्रनाथ सरानिया, नेहरू आंचलिक उच्च विद्यालय के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य  नागेन चंद्र दास, असम विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एपीडीसीएल)- बक्सा के एजीएम (आरई)  मानसज्योति पाठक और गुवाहाटी स्थित आरईसी क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।

इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों और सम्मानित अतिथियों ने विद्युत उपभोक्ता के अधिकारों, बिजली के लाभ व सुदूर क्षेत्रों में विद्युतीकरण को लेकर सामने आने वाली चुनौतियों और इसकी पहुंच के साथ जीवन की गुणवत्ता में सुधार को रेखांकित किया। इस कार्यक्रम में गांवों के लाभार्थियों को भी अपने अनुभव और विचारों को साझा करने के लिए मंच पर आमंत्रित किया गया। उन सभी ने बताया कि कैसे बिजली ने उनके जीवन को रूपांतरित कर दिया।

आरईसी लिमिटेड ने असम में ‘बिजली उत्सव’ का आयोजन किया REC Limited organizes ‘Bijli Utsav’ in Assam

वहीं, इस कार्यक्रम से ग्रामीणों और बच्चों को जोड़ने के लिए विभिन्न प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। इसके अलावा बिजली उपभोक्ताओं के अधिकार, ऊर्जा संरक्षण और विद्युत के लाभ जैसे विषयों पर जानकारी प्रदान करने के लिए नुक्कड़ नाटक का भी प्रदर्शन किया गया। इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार के रूप में एलईडी बल्ब और ज्योमेट्री बॉक्स प्रदान किया गया और इसके साथ ही कार्यक्रम का समापन किया गया।

आरईसी लिमिटेड के बारे में:

आरईसी लिमिटेड एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है। यह पूरे भारत में विद्युत क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। आरईसी लिमिटेड की स्थापना 1969 में की गई थी। इसने अपने परिचालनों के क्षेत्र में 50 साल पूरे कर लिए हैं। यह राज्य बिजली बोर्डों, राज्य सरकारों, केंद्रीय/राज्य विद्युत यूटिलिटिज, स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों, ग्रामीण विद्युत सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की यूटिलिटिज को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इसकी व्यावसायिक गतिविधियों में संपूर्ण विद्युत क्षेत्र मूल्य श्रृंखला में विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं का वित्तपोषण शामिल है। इन परियोजनाओं में उत्पादन, ट्रांसमिशन, वितरण और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं। आरईसी की वित्तीय पोषण भारत में हर चौथे बल्ब को रोशन करती है यानी लगभग 25 फीसदी जरूरतों को पूरा करती है।