रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बफर जोन में अज्ञातवाहन की टक्कर से पैंथर की हुई मौत
बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।आरवीटी 1 व आरवीटी 2 की मौत के बाद रविवार रात को एनएच 52 पर बूंदी टनल के पास एक युवा पैंथर की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रथम दृष्टया पैंथर की मौत किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से होना प्रतीत हो रहा है। पैंथर के शव का चिकित्सकों की टीम से पोस्टमार्टम कराया गया, जिससे मौत के सटीक कारणों का पता चल सकेगा।
रामगढ़ क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों में हुई वन्य जीवों की मौतों की श्रृंखला में नवीनतम घटना है। इससे पहले डाबी क्षेत्र में एक नर और एक मादा पैंथर के साथ दो शावकों की हाई वोल्टेज लाइन की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। इसी क्षेत्र में दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में भारी वाहनों की टक्कर से पैंथरों की जान गई। भीमलत के पास एक पैंथर ट्रेन की चपेट में आने से मारा गया, जबकि बसौली के आसपास दो पैंथरों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई। बूंदी टनल के पास यह दूसरी ऐसी घटना है। जिसमें पैंथर की दुर्घटना में जान गई है। पिछले कुछ महीनो में रामगढ़ विषधारी बफर जोन में अब तक 10 पैंथर की मौत हो चुकी है।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में बूंदी टनल के पास मृत मिले पैंथर का वन्य जीव चिकित्सक टीम ने पैंथर का पोस्टमार्टम किया।फिलहाल पेंथर की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।पोस्टमार्टम के दौरान शहर कोतवाल भंवर सिंह, चिकित्सक टीम एवं वनकर्मी मौजूद रहे।
तत्काल ठोस कदम उठाने की आवश्यकता
वन्यजीव प्रेमी विट्ठल सनाढ्य की मानें तो बढ़ते शहरीकरण और वन क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों के विस्तार से वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास में कमी आई है। इससे वे सड़कों और रेल मार्गों को पार करने को मजबूर हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए विभाग द्वारा तत्काल ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
रिजर्व क्षेत्र में मृत मवेशियों के डालने पर लगे रोक
वन्य जीव प्रेमी विट्ठल सनाढ्य ने बताया कि टनल क्षेत्र में हाइवे किनारे मृत मवेशियों के डालने पर रोष जताते हुए कहा कि मृत मवेशियों की गंध भी वन्यजीवों को आकर्षित करती हैं। हमारी मांग हैं कि सुरक्षा दीवार का कार्य जल्द पूर्ण हो, ताकि वन्य जीवों को सुरक्षा मिल सके और वन विभाग को प्रशासन के साथ मिल कर हाइवे किनारे और रिजर्व क्षेत्र में मृत मवेशियों के डालने पर रोक लगवाने के प्रयास करने चाहिए। वहीं वन्यजीव प्रेमियों ने मृत मवेशियों को टाइगर रिजर्व एरिया में डालने पर संबंधित ठेकेदार सहित नगर परिषद के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की बात कही। गौरतलब हैं कि बून्दी टनल के बाहर ओवरब्रीज के नीचे सड़क के किनारे पर मृत गोवंश व पशु फेके जा रहे हैं, जिनसे न केवल वातावरण प्रदूशित हो रहा हैं, अपितु मृत मवेशियों की गंध भी वन्यजीवों को आकर्षित हो रहे हैं।
वन्य जीव प्रेमी विट्ठल सनाढ्य ने बताया कि टनल क्षेत्र में हाइवे किनारे मृत मवेशियों के डालने पर रोष जताते हुए कहा कि मृत मवेशियों की गंध भी वन्यजीवों को आकर्षित करती हैं। हमारी मांग हैं कि सुरक्षा दीवार का कार्य जल्द पूर्ण हो, ताकि वन्य जीवों को सुरक्षा मिल सके और वन विभाग को प्रशासन के साथ मिल कर हाइवे किनारे और रिजर्व क्षेत्र में मृत मवेशियों के डालने पर रोक लगवाने के प्रयास करने चाहिए। वहीं वन्यजीव प्रेमियों ने मृत मवेशियों को टाइगर रिजर्व एरिया में डालने पर संबंधित ठेकेदार सहित नगर परिषद के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की बात कही। गौरतलब हैं कि बून्दी टनल के बाहर ओवरब्रीज के नीचे सड़क के किनारे पर मृत गोवंश व पशु फेके जा रहे हैं, जिनसे न केवल वातावरण प्रदूशित हो रहा हैं, अपितु मृत मवेशियों की गंध भी वन्यजीवों को आकर्षित हो रहे हैं।