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अब नारी अबला नहीं महत्वपूर्ण पदों को कर रहीं सुशोभित-उपराष्ट्रपति Now women are not weak but are occupying important positions – Vice President

अजमेर.Desk/ @www.rubarunews.com>> अपनी एकदिवसीय यात्रा पर राजस्थान आए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अजमेर के मेयो कॉलेज की छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किये और उन्हें संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की सुप्रसिद्ध पंक्तियां

 “अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी,
 आंचल में है दूध और आंखों में पानी’

का जिक्र करते हुए कहा कि आज ये कहावत बदल गई है, आज है ज़माना नारी शक्ति वंदन का। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं अबला नहीं हैं वे देश और दुनिया में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

हाल ही में पास हुए महिला आरक्षण विधेयक “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” को ऐतिहासिक बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आने वाले समय में लोक सभा और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, अब महिलाएं और अधिक प्रभावी ढंग से देश का मार्गदर्शन करेगी और आने वाले समय में उनकी भूमिका समाज में और भी महत्वपूर्ण होने जा रही है। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक एक लंबे समय से लंबित था और इसे पास कराने के कई प्रयास किय गए लेकिन यह पास नहीं हो पाया था लेकिन प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस ऐतिहासिक विधेयक को पारित कराया और देश की महिलाओ को वह सम्मान दिया जिसकी वह एक लंबी समय से हकदार थीं

मेयो कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा विविध क्षेत्रों में जीते गए पुरस्कारों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा की वास्तविक शिक्षा किस प्रकार दी जाती है यह इस कॉलेज में देखने को मिल रहा है शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए शिक्षा जीवन के प्रत्येक आयाम से संबंधित होनी चाहिए। जो जीवन का सर्वांगीण विकास करें शिक्षा वही है, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा से बढ़कर और कोई ताकत नहीं है शिक्षा मनुष्य के जीवन को रूपांतरित कर देती है। उन्होंने मेयो कॉलेज की विद्यार्थियों और शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि आपके इस विद्यालय ने बहुत ही कम समय में जो स्थान देश की शिक्षा व्यवस्था में प्राप्त किया है वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में मयो कॉलेज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता है और यहां के विद्यार्थी देश ही नहीं पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे यह मुझे पूरा विश्वास है।

अब नारी अबला नहीं महत्वपूर्ण पदों को कर रहीं सुशोभित-उपराष्ट्रपति Now women are not weak but are occupying important positions – Vice President

उपराष्ट्रपति ने छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा आप सौभाग्यशाली हैं कि ऐसे समय में रह रहे हैं कि जब देश में अवसरों की कमी नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज आप सबको देखकर मुझे पूरा विश्वास हो गया है कि भारत 2047 में दुनिया की सबसे तेज गति से विकसित होती हुई अर्थव्यवस्था होगा और विश्वगुरु के पद पर आसीन होगा। उन्होंने कहा जब भारत अपनी आजादी की शताब्दी मनाएगा तब आप सब महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे होंगे। देश को बुलंदी पर ले जाने के लिए आप एक योद्धा की भांति अपनी भूमिका अदा करेंगे इसमें कोई संदेह नहीं है।

उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय था जब भारत को पांच कमजोर (five fragile) अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था और  अब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने आगे जोर देते हुए कहा कि 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमने इस विकास यात्रा में ग्रेट ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है और अब बारी है जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने की, बहुत ही जल्द वह समय आएगा जब जर्मनी और जापान की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ते हुए भारत आगे निकल जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत आज जिस तेजी से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है उतना पहले कभी नहीं बढा था और यह विकास यात्रा थमने वाली नहीं है।

उपराष्ट्रपति ने नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि तीन दशकों के बाद में देश को एक नई शिक्षा नीति मिली है इस शिक्षा नीति के माध्यम से देश की शिक्षा व्यवस्था एक बार पुनः बुलंदियों पर पहुंचेगी जिसके लिए भारत प्राचीन काल में जाना जाता था और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। नई शिक्षा नीति देश की शिक्षा व्यवस्था को एक नया आयाम प्रदान करेगी। इस शिक्षा नीति में जीवन के प्रति क्षेत्र को ध्यान में रखकर नीतियां निर्धारित की गई है।

छात्राओं का उत्साह वर्धन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कभी भी स्ट्रेस ना लें, भय से न डरे, उन्मुक्त होकर शिक्षा ग्रहण करें और अपनी पसंद के करियर को चुने। उन्होंने कहा कि विचार को मस्तिष्क में न रखें, यदि कोई रचनात्मक विचार आपके मन मस्तिष्क में आता है तो उसे कार्यान्वित करें, उसे जमीन पर उतारे क्योंकि विचार को मन में रखकर न सिर्फ आप अपने साथ अन्याय करते हैं बल्कि पूरी मानवता के साथ में अन्याय करते हैं। आपके मस्तिष्क में आने वाला विचार पता नहीं दुनिया के कितने लोगों का जीवन परिवर्तित कर सकता है इसलिए रचनात्मक सोचें और उसे जमीनी हकीकत बनाने का प्रयास करें।

उपराष्ट्रपति ने मेयो कॉलेज, अजमेर के पूर्व छात्रों से आग्रह किया कि वह शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान निरंतर करते रहें ताकि आने वाली पीढ़ियों को खासकर लड़कियों की शिक्षा के लिए इसी प्रकार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ज्वाला को जगाए रखा जाए और समाज को शिक्षित किया जाए क्योंकि बेटियों को शिक्षित करने से पूरा समाज शिक्षित होता है और समाज के शिक्षित होने से राष्ट्र शिक्षित होता है। उन्होंने पूर्व छात्रों से मासिक आधार पर शिक्षण संस्थाओं की सहायता करने का आग्रह भी किया। उपराष्ट्रपति ने मेयो कॉलेज के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सभी विद्यार्थियों को आशीर्वाद दिया।

इस अवसर पर मेयो कॉलेज महापरिषद के अध्यक्ष और बोर्ड आफ गवर्नर्स के प्रेसिडेंट, महाराज गज सिंह जी, मेयो कॉलेज की  कार्यवाहक प्रधानाचार्य श्रीमती सुप्रीत बख्शी, मेयो  कॉलेज के शिक्षक, स्टाफ, विद्यार्थी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।