भाषाएँ जोड़ने का काम करती हैं – राज्य मंत्री श्री परमार Languages work to connect- Minister of State Mr. Parmar
भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com>>स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन से शिक्षा का स्वरूप बदल रहा है। नवाचार और पद्धतियों के अनुप्रयोग से एक-दूसरे राज्यों को समझने का अवसर मिलता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 नए संदेश को समाहित कर शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन के साथ स्वाभिमान और आत्म-गौरव के भाव को पुनर्स्थापित करने का अवसर दे रही है।
भाषाएँ जोड़ने का काम करती हैं – राज्य मंत्री श्री परमार। Languages work to connect- Minister of State Mr. Parmar
राज्य मंत्री श्री परमार ने कहा कि भाषाएँ जोड़ने का काम करती हैं। एक दूसरे से संवाद करने एवं आत्मीयता से जुड़ने के भाव को जाग्रत करने में भाषा की अहम भूमिका है। मध्यप्रदेश भी अन्य राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं जैसे कन्नड़, तमिल, तेलगु आदि को शिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल करने की ओर कार्य कर रहा है। श्री परमार ने कहा कि देश के सभी शिक्षा बोर्ड समन्वय के साथ विद्यार्थी के समग्र मूल्यांकन पर विचार करें। शिक्षा बोर्ड के नवाचारों से एक-दूसरे राज्यों को लाभ मिलेगा। राष्ट्र को सकारात्मक दृष्टि से अग्रसर करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भारतीय भाषाओं को महत्व दिया गया है।
राज्य मंत्री श्री परमार ने कहा कि सीएम राइज स्कूल योजना से मध्यप्रदेश में नई शिक्षा क्रांति का सूत्रपात होगा। इस सत्र में 370 सीएम राइज विद्यालय प्रारंभ हो चुके हैं और 9200 सर्वसुविधायुक्त सीएम राइज विद्यालय प्रदेश में खोले जायेंगे। विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से आगे बढ़ रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थी के समग्र मूल्यांकन की दृष्टि से 5वीं एवं 8वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा लेने का निर्णय किया गया है।
महिलाओं को डिजिटल रूप से कुशल और जागरूक बनाने हेतु डिजिटल शक्ति 4.0 का शुभारंभ Digital Shakti 4.0 launched to make women digitally skilled and aware
राज्य मंत्री श्री परमार ने आज भोपाल में मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड एवं महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान द्वारा 17 से 19 नवम्बर तक आयोजित “काउंसिल ऑफ बोर्डस ऑफ स्कूल एजुकेशन” की 3 दिवसीय 51वीं वार्षिक कॉन्फ्रेन्स का शुभारंभ किया। उन्होंने काउंसिल आफ वोर्ड की पत्रिका “सहोदय” के विशेष संस्करण का विमोचन भी किया।
पतंजलि संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष श्री भरत बैरागी ने कहा कि राज्य सरकार सीएम राइज विद्यालय जैसे नवाचारों से शिक्षा व्यवस्था में आदर्श स्थापित कर रही है। संस्कृत भाषा के प्रति जन-मानस की धारणा परिवर्तित हो रही है। उन्होंने कहा की कोई भी भाषा कमतर नहीं है, लेकिन संस्कृत भाषा से अन्य भारतीय भाषाओं का प्रादुर्भाव हुआ है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी ने विभिन्न राज्यों से आए शिक्षा बोर्ड के प्रतिनिधियों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि कांफ्रेंस एक-दूसरे से सीखने और अनुभव साझा करने के लिए बेहतर अवसर है। हर राज्य में शिक्षा क्षेत्र में समान चुनौतियाँ होती हैं और उनके समाधान भी समान ही होते हैं। तीन दिवसीय कांफ्रेंस में होने वाली चर्चा से हम निर्धारित कर सकेंगे कि बच्चों को कैसे बेहतर शिक्षा देकर उनका बेहतर मूल्यांकन कर सकें।
कांफ्रेंस में नेपाल, यूएसए, मॉरिशस आदि देशों सहित भारत के 32 राज्य शिक्षा बोर्ड के लगभग 70 प्रतिनिधि सम्मिलित हो रहे हैं। कॉन्फ्रेन्स में ऑनलाइन एजुकेशन और कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेन्स टेस्ट के आयोजन के विषयों सहित नवीन शिक्षा नीति के प्रकाश में विभिन्न अकादमिक विषयों पर चर्चा की जायेगी। सी.ओ.बी.एस.ई. एवं नागालैंड बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती असानो सेहासो, महासचिव एम.सी. शर्मा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी एवं आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा, निदेशक मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रभात राज तिवारी सहित अधिकारी एवं विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।