क्राइममध्य प्रदेश

जहरीली शराब कांड मामले में एसपी ने लिया एक्शन, दो थानेदार निलंबित, पांच जवान लाइन अटैच

-रौन थाना क्षेत्र के इंदुर्खी में शराब पार्टी करने से दो सगे भाई व चाचा की हुई मौत
-सिटी व देहात पुलिस अवैध शराब के एरिया को लेकर उलझे, अधिकारियों ने मामले में जांच के दिये आदेश, तब तक सिटी थाना प्रभारी रहेंगे निलंबित


भिण्ड। जिले में जहरीली शराब पीने से हुई तीन युवकों की मौत के मामले में पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह ने एक्शन लिया है। उन्होंने लापरवाही बरते वाले सिटी कोतवाली राजकुमार शर्मा और रौन थाना टीआई उदयभानसिंह यादव को सस्पेंड कर दिया है, क्योंकि उनके क्षेत्र में इस तरह से जहरीली शराब की विक्री हो रही थी, इसके साथ ही पांच जवान जिनमें दो आरक्षक रौन व तीन धर्मेन्द्र तोमर, एएसआई भगवानसिंह जाटव, एसआई प्रमोद तोमर सिटी कोतवाली को लाइन हाजिर किया गया है, इनके बीट में यह जहरीली शराब का कांड हो रहा था जिसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की तो लापरवाही बरतने वालों को एसपी ने सबक सिखाते हुए तुरंत लाइन अटैच कर दिया है। यहां बता दें कि शहर में भी अवैध शराब बन रही थी। इसे बनाने वाले रौन थाना क्षेत्र के ग्राम इंदुर्खी गांव के रहने वाले थे। इस शराब पीने से दो सगे भाइयों समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है। मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि शहर के बीचों-बीच अवैध शराब का कारोबार चल रहा था। शराब बनाई जा रही है। इसे बनाने के लिए इंदुर्खी के रहने वाले दो भाई मनीष जाटव और छोटू जाटव आए थे। शहर के नजदीक जहां शराब बनाई जा रही है यह कोतवाली थाने का एरिया है या फिर देहात का यह सबसे बडा सवाल उठ रहा है। दोनों ही थाना पुलिस एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। दोनों थानों के बीच सीमा विवाद दो दिन से छिडा हुआ है। इस संबंध में जब सिटी कोतवाली थाना प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ग्राम रतनूपुरा के खेतों मेंं शराब बनायी जा रही थी वहीं देहात थाना प्रभारी रामबाबू का कहना है कि स्वतंत्र नगर में ही शराब बन रही थी, यह एरिया हमारे क्षेत्र में दूर-दूर तक नहीं आता है। इस पूरी घटना क्रम के बारे में जब पुलिस अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने कहा पूरे मामले की फिर से जांच करायी जायेगी जो भी तथ्य निकलकर सामने आयेगा, उस आधार पर कार्रवाई की जायेगी। फिलहाल रौन व सिटी टीआई को मामल में निलंबित कर दिया गया है।
बीट में नहीं कम्प्यूटर ऑपरेटर का संभाल रहे थे पद
सिटी कोतवाली थाने मेंं पदस्थ आरक्षक धर्मेन्द्रसिंह तोमर जिनकी बीट स्वतंत्र नगर थी, जिनके इलाके में अवैध शराब बनायी जा रही थी, जिसकी गतिविधियों पर इसलिए नजर नहीं रख पाये क्योकि उन्हें विगत 10 अक्टूबर से कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर थाने में काम कराया जा रहा था, इस कारण वह बीट नहीं देख पाये और बिना जांच किये अधिकारियों ने उन्हें लाइन हाजिर कर दिया।
इनकी हो चुकी शराब पीने से मौत
रौन क्षेत्र के इंदुर्खी निवासी नरेंद्र जाटव के बेटे मनीष उम्र 25 वर्ष, छोटू उम्र 22 वर्ष गांव के ही लाखन पुत्र लालाराम जाटव, छोटे पुत्र पुत्तू जाटव के साथ मजदूरी करते हैं। वे उनके साथ गांव में ही महेश, छुट्टो पुत्रगण लाखनलाल, आशीष उर्फ गोलू पुत्र महेश कुमार के यहां मजदूरी करने गए थे। रात करीब 9 बजे उनकी तबीयत खराब होने लगी। इस पर मनीष को उपचार के लिए रौन अस्पताल लाया गया। लेकिन वहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टर ने उसे भिंड जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। भिंड अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इधर घर पर छोटे बेटे छोटू की तबियत बिगडऩे लगी। घर के लोग उसे भी उपचार के लिए रौन अस्पताल के लिए दौड़े। लेकिन रास्ते में मेहदवा के पास उसकी भी मौत हो गई। वहीं अगले दिन उनके साथ शराब पीने वाले शिव सिंह की भी हालत बिगडऩे लगी, जिसे उपचार के लिए ग्वालियर भर्ती कराया गया है।
शराब पीने से तीसरे की भी हुई मौत
इंदुर्खी गांव में दो दिन में लगातार तीसरी मौत हुई, पहले दो सगे भाइयों की मौत हुई थी। मृतक के परिवार में दूर के रिश्ते का चाचा पप्पू पुत्र राम सिंह जाटव उम्र 45 वर्ष की तीन से चार दिन से शरीर में दर्द रह रहा था। रविवार की शाम को उसके कमर में दर्द बडा। दर्द से राहत पान के लिए दिल्ली से आए भतीजे से शराब का क्वार्टर मंगाया। इसके बाद रात को तबियत अचानक बिगडऩे लगी। इसके बाद गांव के ही लोग अपने वाहन में उपचार के लिए जिला अस्पताल के लिए रवाना हुए। किशोर सिंह के पुरा से आगे जाते ढोंचरा पर कार से जाते समय अचानक पप्पू की तबियत बिगडी और उसकी हालत खराब हो गई। एक दो उल्टियां हुई और मौके पर ही दम तोड दिया। इसके बाद शव परिजन घर लेकर पहुंचे। इसके बाद रौन थाना पुलिस को जानकारी लगी। पुलिस ने सोमवार को शव का पीएम कराने को कहा, इस पर परिजनों ने सामान्य मौत बताई। हालांकि पुलिस को मामला संदिग्ध लगा।
सिटी व देहात पुलिस एक-दूसरे के पाले मेंं उछाल रही गेंद
मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि शहर के बीचों बीच अवैध शराब का कारोबार चल रहा था। इसे बनाने के लिए इंदुर्खी के रहने वाले दो भाई थे। शहर के नजदीक जहां शराब बनाई जा रही है, यह कोतवाली थाने का एरिया है या फिर देहात का यह सबसे बडा सवाल उठ रहा है। दोनों ही थाना पुलिस एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। कोतवाली थाना पुलिस का कहना है कि स्वतंत्र नगर में जहां शराब बन रही थी। वो एरिया देहात थाना क्षेत्र का है। स्वतंत्र नगर के नाले के दूसरी ओर रतनूपुरा के पास का है। जो खेतों के बीचों-बीच तैयार होना पाया जा रहा है। यह एरिया में सीधे तौर पर देहात थाना क्षेत्र का है। वहीं देहात थाना प्रभारी का कहना है कि मेरे क्षेत्र में किसी तरह की अवैध शराब नहीं बनायी जा रही थी और इस घटना से दूर-दूर तक किसी तरह का नाता नहीं है। दोनों थानों की सीमा का विवाद एसपी समेत अन्य वरिष्ठ अफसरों तक रविवार की शाम को पहुंच चुका था।
जिला मुख्यालय से इंदुर्खी गांव में खपाई जाती थी शराब
शहर के नजदीक शराब बनाए जाने को लेकर इंदुर्खी से मजदूर बुलाए जाते थे। इंदुर्खी में चार लोगों ने भिंड शहर में तैयार की गई शराब का सेवन किया था। इस में दो सगे भाई की मौत हो गई। वहीं मृतकों का दूर का चाचा की भी संदिग्ध हालत में मौत हुई है। वहीं, उनके दो साथी का स्वास्थ्य खराब है। इस मामले में कोतवाली थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा और रौन थाना प्रभारी उदयभान सिंह यादव को निलंबित किया गया है वहीं एसआई व पांच आरक्षकों को लाइन हाजिर कर दिया है।


इनका कहना है:
शराब कांड मामले में दो थाना प्रभारियों को निलंबित किया गया है। पांच जवान जिनमें आरक्षक, प्रधान आरक्षक, एसआई को लाइन अटैच किया गया है। शराब बनाने वाला एरिया कोतवाली थाने का था या फिर देहात का। इसकी जांच पड़ताल कराई जा रही है। रविवार को पुलिस अफसरों द्वारा तैयार जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई। एक बार फिर से पुन: पडताल कराई जाएगी।
-शैलेंद्र सिंह चौहान, पुलिस अधीक्षक भिण्ड