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जन्म से लेकर 21 वर्ष तक साथ निभाएगी ‘‘लाडो प्रोत्साहन योजना

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-राज्य में बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक विकसित करने एवं उनके स्वास्थ्य तथा शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिये प्रारम्भ की गई ‘‘लाडो प्रोत्साहन योजना’’ 1 अगस्त 2024 से सम्पूर्ण राजस्थान में लागू हो चुकी है। जिला स्तर पर महिला अधिकारिता विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के समन्वय कर योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। इस योजना में गरीब परिवारों की बालिकाओं के जन्म पर एक लाख रुपये का सेविंग बॉण्ड राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा। गौरतलब हैं कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की राजश्री योजना को भाजपा सरकार की एक अगस्त से शुरू हुई लाडो प्रोत्साहन योजना में समाहित कर दिया है। इस योजना के तहत गरीब बेटियों को जन्म से लेकर 21 साल की उम्र होने तक एक लाख रुपये देगी ताकि बेटियों को आर्थिक संबल मिल सके।
यह है योजना
लाडो प्रोत्साहन योजना बालिकाओं के पालन पोषण, शिक्षा व स्वास्थ्य के मामले में लिंग भेदभाव को रोका जा सकेगा एवं बालिकाओं को बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त होंगी। इस योजना से संस्थागत प्रसव को बढावा मिलेगा तथा मातृ एवं बालिका शिशु मृत्यु दर में कमी आयेगी। बालिकाओं का विद्यालयों में नामांकन व ठहराव बढेगा। बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त होगी तथा बाल विवाह में कमी आयेगी।
लाडो प्रोत्साहन योजना में यह मिलेगा
इस योजना में बालिका के जन्म पर एक लाख रुपए राशि का संकल्प पत्र प्रदान किया जाएगा। बालिका के जन्म से लेकर 21 वर्ष आयु पूरी करने तक राशि का भुगतान 7 किस्तों में डीबीटी के माध्यम में ऑनलाइन किया जाएगा। पहली छह किश्तें बालिका के माता-पिता अथवा अभिभावक के बैंक खाते में तथा 7वीं किश्त बालिका के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन हस्तांतरित की जाएगी। राजश्री योजना को लाडो प्रोत्साहन योजना में समाहित करते हुए इस योजना की आगामी किस्त का लाभ पात्रतानुसार लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत देय होगा।
विभिन्न चरणों में यह राशि होगी देय
पात्र चिकित्सा संस्थानों में संस्थागत प्रसव के तहत बालिका का जन्म होने पर पहली किस्त 2500 रूपए, एक वर्ष की आयु एवं समस्त टीकाकरण होने पर दूसरी किश्त 2500 रूपए, राजकीय विद्यालय या राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर तीसरी किश्त 4000 रुपए, छठी कक्षा में प्रवेश लेने पर चौथी किस्त 5000 रूपए, 10वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर पांचवी किश्त 11,000 रुपए, 12वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर छठी किश्त 25,000 रूपए तथा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने एवं 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 7वीं किश्त 50 हजार रुपए बालिका के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर होगी।
योजना का पर्यवेक्षण एवं क्रियान्वयन
योजना का प्रशासनिक विभाग निदेशालय महिला अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास होगा। प्रत्येक तीन माह में योजना की समीक्षा जिला स्तर पर संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी। योजना का पर्यवेक्षण बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना की जिला टास्क फोर्स द्वारा किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन एवं सफल संचालन के लिए समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
योजना की पात्रता व प्रक्रिया
योजना की पात्रता के तहत बालिका का जन्म राजकीय चिकित्सा संस्थान अथवा जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के लिए अधिस्वीकृत निजी चिकित्सा संस्थान में होना आवश्यक है। साथ ही, प्रसूता का राजस्थान की मूल निवासी होना भी जरूरी है। गर्भवती महिला की एएनसी जांच के दौरान राजस्थान की मूल निवासी होने का प्रमाण-पत्र देना होगा।
इनका कहना है
लाडो प्रोत्साहन योजना में गरीब परिवार की बालिकाओं के जन्म पर एक लाख रुपए का सेविंग बॉण्ड राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने समेत अन्य फायदे होंगे योजना सेःइस योजना से बालिका जन्म, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा और मातृ मृत्यु दर के साथ ही बालिका शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी। साथ ही, बालिकाओं का विद्यालय में नामांकन एवं ठहराव भी बढ़ेगा। माता-पिता उनकी पढ़ाई जल्दी नहीं छुडवाएंगे, जल्दी शादी नहीं करवाएंगे। जिससे बाल विवाह में कमी लाने में भी मदद मिलेगी।
– भैरू प्रकाश नागर, सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता
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