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कोटा-बूंदी सीट पर लगी डबल हैट्रिक, ओम बिरला ने जीत तो गुंजल ने लगाई हार की हैट्रिक

कोटा.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से तीसरी बार ओम बिरला ने की दर्ज की है। उन्होंने कांटे के मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वी व कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल को 41 हजार 974 से अधिक मतों से मात दी। बिरला मतगणना शुरू होने के बाद से ही लगातार आगे चल रहे थे और हर राउंड में वो आगे रहे। वहीं, आखिरी राउंड तक बढ़त बनाए रखे। इस जीत के साथ ही बिरला ने कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाई, जबकि प्रहलाद गुंजल लगातार तीन चुनाव हार गए। इसमें कोटा उत्तर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में 2018 और 2023 का विधानसभा चुनाव भी शामिल है। यहां बीते 26 अप्रैल को कुल 1487901 लाख मतदाताओं ने मतदान किया था। इसके अलावा 12256 पोस्टल बैलेट थे, जिसमें कुल 15 लाख 157 वोट थे। इसकी काउंटिंग में ओम बिरला को 7 लाख 50 हजार 496 वोट मिले तो प्रहलाद गुंजन को 7 लाख 8 हजार 522 वोट पड़े। बिरला ने 2014, 2019 के बाद अब 2024 में भी लगातार तीसरी बार कोटा-बूंदी सीट से जीत दर्ज की है। वहीं, 2019 में जीत के बाद उन्हें लोकसभा स्पीकर बनाया गया था।
कोटा-बूंदी को बताया अपना परिवार
इधर, जीत दर्ज करने के बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए बिरला ने कोटा-बूंदी के मतदाताओं को अपना परिवार बताया। उन्होंने कहा कि कोटा-बूंदी के लोगों ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। इसके लिए वो अपने कोटा-बूंदी के परिवार के लोगों को प्रणाम करते हैं। आगे उन्होंने कहा कि लगातार उन्हें पहले तीन बार विधायक बनाया और तीसरी बार सांसद बनाया है। ऐसे में वो यहां के लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की हर संभव कोशिश करेंगे। वहीं, मार्जिन कम होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव चुनाव ही होता है। कठिन परिस्थितियों के अंदर भी जिस तरह का प्यार कोटा-बूंदी के लोगों ने उन्हें दिया है, वो इसके अभारी हैं। वहीं, चुनाव जीतने के बाद बिरला सीधे मतगणना स्थल पहुंचे, जहां उनके साथ शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर और विधायक संदीप शर्मा भी मौजूद रहे। वहीं, मतगणना स्थल पर जिला कलेक्टर व निर्वाचन अधिकारी डॉ। रविंद्र गोस्वामी ने बिरला को निर्वाचन सर्टिफिकेट दिया।
देश को नरेंद्र मोदी पर विश्वास
भाजपा सरकार बनाने की स्थिति में है या नहीं के सवाल पर बिरला ने कहा कि एनडीए को बहुमत मिल चुका है। एनडीए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा है। देश नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ना चाहता है और देश ने एनडीए को स्वीकार किया है। इधर, मोदी सरकार के आगामी कार्यकाल को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बिरला ने कहा कि हमारे लिए देश की जनता पहले है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लंबी कार्य योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि आज भी देश की जनता का जितना विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर है, उतना किसी के ऊपर नहीं है। दूसरी तरफ बिरला ने सर्टिफिकेट लेने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
5 विधानसभा में जीते बिरला, 3 में हारे
कोटा-बूंदी लोकसभा सीट में कुल 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें से 5 में बिरला को जीत मिली है तो 3 में प्रहलाद गुंजन जीते हैं। इनमें लाडपुरा, रामगंजमंडी, केशोरायपाटन, कोटा दक्षिण और बूंदी विधानसभा में प्रहलाद गुंजल को हार मुंह देखना पड़ा। वहीं, केशोरायपाटन, पीपल्दा और कोटा उत्तर में बिरला को पराजय का सामना करना पड़ा। दूसरी तरफ बिरला ने लगातार छठा चुनाव जीता है, जिनमें शुरुआती तीन विधानसभा चुनाव शामिल हैं। पहला चुनाव 2003 में कोटा से जीता था। उसके बाद 2008 और 2013 में कोटा दक्षिण विधानसभा से चुनाव जीता।
विधानसभावार भाजपा-कांग्रेस के मत
भाजपा को लाडपुरा में 15,015, रामगंजमंडी से 26716, कोटा दक्षिण 35648, सांगोद से 5331 और पोस्टल बैलेट में 201 से आगे रही, जबकि केशोरायपाटन में 22395 हजार, पीपल्दा से 22330 और कोटा उत्तर में 11318 मतों से कांग्रेस आगे रही है।
13 की जमानत जब्त, इन्हें नोटा से भी पड़े कम वोट
कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर भाजपा-कांग्रेस को छोड़कर सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इनमें बीएसपी के धनराज यादव सहित अन्य पार्टियों और निर्दलीय मिलाकर 13 कैंडिडेट शामिल हैं। इस बीच खास बात यह रही कि इन 13 उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले। नोटा को कुल 10261 वोट मिले हैं, जबकि शेष प्रत्याशियों को 30878 वोट पड़े हैं। इसमें सबसे ज्यादा 7575 वोट बीएसपी के धनराज यादव और उसके बाद आशीष यादव को 5775 वोट हासिल हुए।