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विश्व आयुर्वेद संघ के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. प्रज्ञानंद का देवलोकगमन

मोतीबोर का खेड़ा (भीलवाड़ा). K.K.Rathore/ @www.rubarunews.com – विश्व आयुर्वेद संघ के अध्यक्ष एवं देश और दुनिया को भारतीय धर्म की अद्भुत प्रज्ञा से अवगत कराने वाले महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. प्रज्ञानंद महाराज का देवलोकगमन हो गया है। स्वामीजी पीठाधीश्वर, प्रज्ञा पीठ, प्रज्ञाधाम कटंगी जबलपुर व सांई प्रज्ञाधाम साकेत नईदिल्ली के पद पर आसीन थे। उनको सोमवार 15 जून को कटंगी प्रज्ञाधाम जबलपुर में संतों की उपस्थिति में संन्यासी परंपरा के अनुसार अभिषेक कर उन्हें महासमाधि दी गई। वो अंतरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन के संस्थापक, आव्हान अखाड़े के महामंडलेश्वर थे। प्रज्ञापीठाधीश्वर 28 फरवरी 2020 को ही नवग्रह आश्रम आये और दो दिन का यहां प्रवास रहा था। उनके द्वारा ही आश्रम संस्थापक हंसराज चोधरी को प्रज्ञाश्री रत्न सम्मान, आयुर्वेदाचार्य व आयुर्वेद संत की उपाधि से जबलपुर मप्र के कटंगी में स्थित 13 वें पारद रामेश्वर ज्योर्तिलिंग पारदतीर्थ, प्रज्ञापीठ प्रज्ञाधाम में सम्मानित किया गया था। प्रज्ञाधाम में विश्व का सर्वाधिक विशालकाय 1111 किलो का पारद शिवलिंग है।
बुधवार को श्रीनवग्रह आश्रम मोतीबोर का खेड़ा में श्रृद्वांजलि सभा का आयोजन आश्रम संस्थापक हंसराज चोधरी की अध्यक्षता में किया गया। आश्रम में हुई श्रृद्वांजलि सभा में पूज्य महामण्डलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद जी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। इस मौके पर चोधरी ने प्रज्ञापीठाधीश्वर जगतगुरू स्वामी प्रज्ञानंदजी महाराज के जीवन व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वो बिरले संत ही थे, जो विश्व कल्याण व आयुर्वेद के क्षेत्र में खूब कार्य किया तथा प्रज्ञा ध्वजा को विश्व तक पहुंचाया। स्वामी प्रज्ञानंद जी का पूरा जीवन जनकल्याण को समर्पित रहा। कटंगी सहित विभिन्न स्थानों पर उनके निर्देशन में कई शिक्षण संस्थानों का संचालन हो रहा था। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रज्ञानंद महाराज ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन और अन्तर्राष्ट्रीय प्रज्ञा योग फाउण्डेशन की स्थापना की। स्वामी के समृद्ध आध्यात्मिक और सामाजिक योगदान के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।
आश्रम के मीडिया प्रभारी मूलचन्द पेसवानी ने कहा है कि पूज्य महामण्डलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद महाराज के निधन से विश्व भर में समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए पूज्य महामण्डलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद जी महाराज के अनुयायियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की हैं।
आश्रम के इवेंट प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें व शोक संतप्त शिष्यों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इस मौके पर आश्रम के निदेशक मनफूल चोधरी, हरफूल चोधरी, सचिव जितेंद्र चोधरी, गौशाला प्रभारी व कोषाध्यक्ष महिपाल चोधरी, डा. गोविंद, डा. धमेंद्र, पत्रकार संपतलाल शर्मा, ज्ञानदेव शर्मा आदि ने भी प्रज्ञापीठाधीश्वर को श्रृद्वाजलि अर्पित की।
गौरतलब हे कि अन्तरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद महाराज शनिवार 13 जून की शाम दिल्ली स्थित आश्रम में ब्रह्मलीन हो गए। वो आव्हान अखाड़े के महामंडलेश्वर और दिल्ली संत महामंडल में 15 साल अध्यक्ष रहे।
प्रज्ञापीठाधीश्वर जगतगुरू स्वामी प्रज्ञानंदजी महाराज की उत्तराधिकारी व उनकी शिष्या साध्वी विभानंद ने बताया कोरोना संक्रमण के चलते समाधि कार्यक्रम में भी शिष्यों से कटंगी नहीं पहुंचने का निवेदन किया गया था। साध्वी विभानंद ने कहा कि स्वामीजी प्रज्ञापीठाधीश्वर के बताये मार्ग पर सभी शिष्य अक्षरशः चलने का पूरा प्रयास करेंगें। उनके द्वारा विश्व भर में जो प्रज्ञा पताका फहरायी गयी है, उसके वैभव को चिरस्थायी रखा जायेगा तथा उन्होंने समूचे विश्व में फैले प्रज्ञापीठाधीश्वर के अनुयायियों से अपने यहां पर ही श्रृद्वांजलि देकर उनका आर्शिवाद लेने का आव्हान किया है, उनका आर्शिवाद सभी को फलीभूत होगा।