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पत्रकारिता कल भी जोखिम भरी थी  आज भी है इसे सकारात्मक सोच से बदला जा सकता है- रीना बहन। Journalism was risky yesterday also it is today it can be changed with positive thinking – Reena Behen

    भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com>> एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रांतीय अधिवेशन में ब्रम्हकुमारी  अध्य्यात्मिक संस्था की रीना बहन ने कहा  पत्रकारिता कल भी जोखिम भारी थी आज भी है,इसे सकारात्मक सोच से बदला जा  सकता है। पेट, परिवार की चिंता ठीक है लेकिन पेटी नहीं भरें

एमपी वर्किंग यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनसंपर्क विभाग की विभिन्न समितियों में ‌श्रम विभाग में पंजीकृत यूनियन के पत्रकारों को स्थान दे ताकि ग्रामीण  स्तर की पत्रकारिता का विस्तार हो सके।

कार्यक्रम  मां सरस्वती के छाया चित्र दीप प्रज्वलित के पश्चात माला अर्पण कर शुभारंभ किया गया।

पत्रकारिता कल भी जोखिम भरी थी  आज भी है इसे सकारात्मक सोच से बदला जा सकता है- रीना बहन। Journalism was risky yesterday also it is today it can be changed with positive thinking – Reena Behen

प्रांतीय अधिवेशन के अतिथि पूर्व मंत्री  श्री माहेश्वरी,अध्य्यात्मिक संस्था ब्रम्हकुमारी आश्रम की बहन रीना, प्रदेशध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने  पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर उठती उंगली विषय पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों तहसील से आए करीबन 3 सौ पत्रकार मौजूद थे।

रीना बहन ने कहा कि समाज को आइना दिखाने वाला चौथे स्तंभ पर आज गंभीर आरोप लग रहे हैं, चुनोती बनते आरोपो को सकारात्मक  पत्रकारिता कर मिटाया जा सकता है। हम पेट, परिवार की चिंता करें परंतु पेटी नहीं भरें।

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राधावल्लभ शारदा ने कहा कि हम यूनियन की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग करते हैं कि जल्द पत्रकार भवन की नींव रखकर निर्माण कार्य शुरू कराना चाहिए,जनसंपर्क विभाग द्वारा गठित होने वाली विभिन्न समितियों में  श्रम विभाग में भी पंजीकृत यूनियन के पत्रकारों को सदस्य मनोनीत करें  ताकि ग्रामीण स्तर पर पत्रकारिता करने वालों का मनोबल बढ़ाना चाहिए।

वीमा योजना का लाभ ग्रामीण अंचल के पत्रकारों को भी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों की तरह मिलें। 75 वर्ष से अधिक उम्र के अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों की वीमा राशि सरकार वगैर मांगें जमा करें । वीमा योजना में ओ पी डी का व्यय सामिल किया जाना चाहिए,।70 वर्ष से अधिक उम्र के पत्रकारों को रुपए 10 हजार चिकित्सा सहायता प्रति माह दी जाय , पत्रकारों की सम्मान निधि 15 रुपए प्रति माह करने की मांग रखी।

प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पत्रकार भवन से एक संघ के वर्षों के अनाधिकृत कब्जा को समाप्त किया और भवन को धराशाही कर नवीन भवन निर्माण की रुप रेखा तय की । समिति की बैठक में प्रस्ताव रखा कि ग्रामीण अंचल से आने वाले पत्रकारों को रुपए 200 प्रति दिन के मान से कमरा दिया जाना चाहिए।

सम्मेलन में उपस्थित पूर्व मंत्री ने पत्रकारों की विभिन्य समस्याओं से सरकार के मुखिया को अवगत कराने का  आश्वाशन दिया है। श्री राहुल माहेश्वरी ने कहा कि एक समय वो भी एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के सदस्य थे। उन्होंने एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उज्जैन में महांकाल के दर्शन करने पर 150 प्रति सदस्य लगते थे यूनियन का कार्ड दिखाने पर नहीं लगे , घटना इशारा करती है कि एकता में शक्ति है और एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन में अनुशासन बड़ों का सम्मान और एकता है।वहीं विभिन्य जिलों से आए पत्रकारों ने भी आज की  चुनोती बनती पत्रकारिता के विषय पर अपने-अपने विचार व्यक्त कर समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकारों  की माली हालत को सुधारने के लिए मालिको द्वारा जारी शोषण पर रोक लगाने की मांग सरकार के मुखिया से की। वहीं

सरकारी विभाग में बढ़ती रिश्वत खोरी पर लगाम लगाने और पत्रकारिता को जिंदा रखने के लिए पत्रकारों को मजबूत होकर लड़ाई लड़ने की जरुरत है। पत्रकारों ने कहा कि  अक्सर प्रश्न पूछने का अवसर कम मिलता है या संपादक प्रश्न ही नहीं पूछते हैं और मंत्री के नजदीक आने के लिए चाटुकारिता करते हैं। ऐसी पत्रकारिता साख को धूमिल कर रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता का कवच कुंडल बनने की जरुरत नहीं  जब भी मौका मिले चुभने वाले प्रश्न  पूछना चाहिए। पत्रकार समाज का आईना होता

कुछ लोगों के लिए पत्रकारिता मिशन और प्रोफेशन नहीं होकर कमीशन बनकर रह गया है।

भामाशाह सम्मान के किया सम्मानित:-

राजधानी में आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट पदाधिकारियों द्वारा पत्रकारों को सम्मानित किया गया।