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आखातीज पर जिला प्रशासन सतर्क बाल विवाह मुक्त बूंदी अभियान अंतर्गत सामूहिक विवाह स्थलों का किया निरीक्षण

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-  जिला प्रशासन बूंदी द्वारा आखातीज (अक्षय तृतीया) के अवसर पर बाल विवाह की संभावनाओं को रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती गई। “बाल विवाह मुक्त बूंदी” अभियान अंतर्गत बाल अधिकारिता, महिला अधिकारिता, शिक्षा विभाग, पुलिस, चाइल्ड लाइन 1098, एवं एक्शन एड-यूनिसेफ़ की संयुक्त टीमें जिले भर में सक्रिय रहीं। टीमों ने सामूहिक विवाह आयोजनों में जाकर व्यक्तिगत रूप से वर-वधुओं की आयु प्रमाणित करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों की जांच की। कहीं भी विवाह योग्य आयु से कम आयु का संदेह होने पर मौके पर ही परिजनों से बातचीत कर स्थिति स्पष्ट की गई। टीमों ने आयोजकों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 की जानकारी देते हुए सचेत किया कि किसी भी प्रकार का उल्लंघन करने पर कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी बताया गया कि बाल विवाह केवल एक अपराध ही नहीं, बल्कि बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर भी विपरीत प्रभाव डालता है
जनसहभागिता की अपील
सहायक निदेशक, बाल अधिकारिता हुकम चंद जाजोरिया ने बताया कि अभियान की तैयारियां पूर्व से ही विभाग द्वारा सुनियोजित रूप से की जा रही हैं। गाँव-गाँव जाकर नुक्कड़ नाटकों, पोस्टर, ऑडियो संदेशों और संवाद के ज़रिये जन-जागरूकता फैला कर आम नागरिकों से अपील की है कि बाल विवाह की जानकारी मिलने पर तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दें। यह एक सामाजिक जिम्मेदारी है, जिसे निभाकर हम बच्चों को सुरक्षित और समान अवसरों वाला जीवन दे सकते हैं।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष  सीमा पोद्दार ने  बताया कि पंचायत समिति स्तर पर जनप्रतिनिधियों, संबंधित विभागों के हितधारकों, व बाल संरक्षण समिति सदस्यों को प्रशिक्षण देने हेतु कार्यशालाओं का आयोजन बाल कल्याण समिति, बाल अधिकारिता व एक्शन एड-यूनिसेफ़ द्वारा किया गया था जिससे बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम में सशक्त भूमिका निभा सकें। जिसमें एचसीएम रीपा जयपुर से संदर्भ व्यक्ति आये थे ।
साथिनों की भूमिका और ज़मीनी गतिविधियां
इस अवसर पर एक्शन एड ज़िला समन्वयक ज़हीर आलम ने बताया कि साथिनों द्वारा ग्राम स्तर पर बाल विवाह की रोकथाम हेतु निरंतर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि साथिनें पंचायत स्तर पर समुदाय से संवाद कर रही हैं, किशोरियों को शिक्षा के प्रति प्रेरित कर रही हैं, और बाल विवाह के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव लाने का प्रयास कर रही हैं। साथ ही, वे ऐसे परिवारों की पहचान कर समय पर सूचना विभाग को उपलब्ध करा रही हैं, जहाँ बाल विवाह की संभावनाएँ पाई जाती हैं।
बाल विवाह मुक्त बूंदी अभियान की भूमिका
संरक्षण अधिकारी गोविंद कुमार गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह मुक्त बूंदी अभियान जिला प्रशासन, बाल अधिकारिता, महिला अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पुलिस, एक्शन एड-यूनिसेफ आदि का साझा अभियान है जिसके तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिले में किसी भी बालिका या बालक का विवाह 18/21 वर्ष की वैधानिक आयु से पूर्व न हो। इस अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों, पंचायत स्तर और स्कूलों में भी निरंतर जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर , आउट रीच वर्कर दीपिका वशिष्ठ, चाइल्ड हेल्पलाइन ज़िला समन्वयक राम नारायण गुर्जर, पर्यवेक्षक पिंकी राठौड़, प्रीति बंशीवाल, सुमन बैरवा,जेंडर विशेषज्ञ विनीता अग्रवाल,  सलोनी कुमावत, पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान केंद्र प्रबंधक पूर्णिमा गौतम, काउंसलर सलोनी शर्मा, अक्षिता मिश्रण, प्रिया मिश्रण आदि उपस्थित रहे।