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पेच की बावड़ी और सथूर पंचायत में पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल, पौधे लगाकर हरा-भरा बना रहे क्षेत्र

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> जिले की पेच की बावड़ी और सथूर पंचायत में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। इन पंचायतों में न केवल बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जा रहा हैं, बल्कि नर्सरी स्थापित कर ग्रामीणों को सस्ते मूल्य पर पौधे उपलब्ध कराकर हरियाली को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही बंजर भूमि को हरा-भरा बनाकर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग किया जा रहा है।
मोतीपुरा में 30 हेक्टेयर चारागाह का कायाकल्प
पेच की बावड़ी पंचायत के मोतीपुरा गांव में 30 हेक्टेयर के विशाल चारागाह क्षेत्र को हरा-भरा बनाने का बीड़ा उठाया गया है। यहाँ लगाए गए फलदार और छायादार पौधे अब धीरे-धीरे पेड़ों का रूप ले रहे हैं, जिससे यह क्षेत्र पर्यावरण संरक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण बन गया है। इन पौधों की नियमित रूप से देखभाल की जा रही है ताकि वे पूरी तरह से विकसित हो सकें। इस महत्वपूर्ण कार्य को “वंदे गंगा, जल संरक्षण – जन अभियान” से और भी गति मिलेगी, जो राज्य सरकार की पर्यावरण संरक्षण की मंशा के अनुरूप है। इसके अतिरिक्त, पेच की बावड़ी पंचायत पौधशाला में भी फलदार पौधे लगाकर उनके संरक्षण का कार्य किया जा रहा है।
सथूर पंचायत की नर्सरी बनी आय और हरियाली का स्रोत
राज्य वित्त आयोग की षष्ठम योजना मद के तहत हिंडोली उपखंड क्षेत्र की सथूर पंचायत में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। योजना मद में स्वीकृत राशि 3 लाख की लागत से एक नर्सरी स्थापित की गई है, जो अब पूरी तरह से तैयार है।
नर्सरी में विभिन्न प्रकार के फलदार, फूलदार और छायादार पौधों की क्यारियां विकसित की गई हैं। वर्तमान में यह नर्सरी विभिन्न प्रकार के पौधों से हरी-भरी है। राज्य सरकार के विभिन्न कार्यालयों को पौधरोपण के लिए यहां से निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वहीं, आमजन भी पर्यावरण संरक्षण के इस अभियान में भागीदार बन सकें, इसके लिए उन्हें मात्र  रुपये 10 की किफायती दर पर पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
सथूर पंचायत द्वारा स्थापित यह नर्सरी न केवल स्थानीय स्तर पर हरियाली को बढ़ावा देगी, बल्कि लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने में भी सहायक सिद्ध होगी।
पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम के अंतर्गत सथूर पंचायत का यह प्रयास सराहनीय है, जो अन्य पंचायतों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकता है। इस पहल से न केवल क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
सहायक अभियंता रामकुमार डूकिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष नर्सरी में 30 हजार पौधे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर भी लिया गया है।
यह नर्सरी न केवल ग्रामीणों को सस्ती दरों पर पौधे उपलब्ध करा रही है, बल्कि उन्हें पौधारोपण करने और उनकी देखभाल के लिए भी प्रेरित कर रही है। इस पहल से एक ओर जहाँ ग्राम पंचायत की आय में वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी मजबूती मिल रही है।
“वंदे गंगा जल संरक्षण -जन अभियान” के तहत शुक्रवार को उक्त स्थानों के अवलोकन के लिए सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय की ओर से मीडिया प्रतिनिधियों को फील्ड विजिट कराई गई। फील्ड विजिट में शामिल मीडिया प्रतिनिधियों ने भी पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा करवाए जा रहे कार्यों को सराहा।

 

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com