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दस्यु सम्राट मोहर सिंह का निधन 

श्योपुर.Desk/ @www.rubarunews.com>> मेहगांव के वयोवृद्ध पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पूर्व दस्यु सम्राट मोहर सिंह गुर्जर का आज सुबह 9 बजे निधन हो गया। वह पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 92 साल की उम्र में उनके निधन से गांव में शोक व्याप्त है। 1960-70 के दशक में चंबल के बीहड़ों में मोहर सिंह की तूती बोली करता थी। मोहर सिंह देश के सबसे बड़े दस्यु सरगना थे।पूर्व दस्यु सम्राट पर 60 के दशक में 2 लाख का ईनाम भी घोषित था।उनकी गैंग में 500 से ज्यादा मेंबर रहे।

92  वर्षीय मोहर सिंह की जिंदगी के कुछ अनसुने तथ्य;

पूर्व पंचायत अध्यक्ष एवं एक खुखार डाकू की कहानी शुरू होती है मेहगांव और चम्ब्ल की गलियों से , बताया जाता है मोहर सिंह ने पहला शिकार अपने गांव के दुश्मन को किया। उसके बाद  मेहगांव थाने में 140/60 पहला अपराध था जो मोहर सिंह गैंग के खिलाफ पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।  और इसके बाद की कहानी मोहर सिंह को एक मशहूर डकैत बनने की और ले जाती है
मोहर सिंह ने भिंड से शुरू करते हुए आसपास के इलाके में अपना दायरा बढ़ाना शुरू कर दिया।  और उनके नाम 80  से ज़्यादा हत्याएं और ३५० अन्य मामले दर्ज है ,  लेकिन  चवालीस साल बाद भी मोहर सिंह की गैंग के ऊपर किसी भी गांव में बहू-बेटी को छेड़ने या परेशान करने का कोई मामला कभी कही दर्ज नहीं हुआ। पर 1960  में हुए एक बड़े आत्म समर्पण के बाद मोहर सिंह ने एक तरफा फैसला ले लिया कि गोलियों का वहशी खेल अब और नही और जय प्रकाश नारायण के चरणों में अपनी बंदूकें रख दी। और सजा काटने के बाद मेहगांव लौटकर मोहर ने समाजसेवा के रस्ते पर चलने का फैसला किया ,मोहर सिंह के खाते में समाजसेवा में भी अग्रणी रहने का क्रेडिट जुड़ गया था। उन्होंने एक साथ एक सैकड़ा से अधिक गरीब कन्याओं के विवाह करा पूरे देश में सुर्खियों बंटोरी थी। पूर्व दस्यु सम्राट इसके बाद भी नहीं रूके और मानव सेवा के काम लगातार आगे भी करते गये।
और  कल का डाकू कहे जाने वाले 92  वर्षीय मोहर सिंह आज के समाजसेवी नेता ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव के बाद 5  मई 2020  को सुबह 9  बजे अपनी देह को त्याग दिया वह पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे।