राजस्थान

पंचकर्म चिकित्सा द्वारा जटिल, जीर्ण कष्टसाध्य रोगों से मिल रही है मुक्ति Getting rid of complex, chronic painful diseases through Panchakarma therapy

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> पंचकर्म चिकित्सा द्वारा जटिल, जीर्ण कष्ट साध्य रोगों से पीड़ित सैंकड़ों रोगियों को राहत मिल रही है। मरीजो की दर्दभरी जिंदगी में पचकर्म चिकित्सा से फायदा मिल रहा है। बोन टीबी और गठिया से विगत पांच सालों से पीड़ित जड का गांव निवासी 22 साल का हनुमंत मीणा बिना किसी सहारे के उठ बैठ पाने में भी असमर्थ था। जिसका वजन भी लगातार घटकर केवल 36 किलो रह गया था। कोटा, भीलवाड़ा, जयपुर के कई बड़े अस्पतालों में इलाज के बावजूद भी आराम नहीं मिलने से निराश हनुमंत फरवरी 2021 में पंचकर्म चिकित्सा के लिए जिला आयुर्वेद चिकित्सालय बूंदी आया। जहां साप्ताहिक पंचकर्म चिकित्सा थैरेपी के चार राउंड के बाद हनुमंत का वजन बढ़कर 65 किलो हो गया तथा बिना किसी सहारे के वह अपना सारा काम सहित कॉलेज की पढ़ाई सामान्य तरीके से करने लगा।

पंचकर्म चिकित्सा द्वारा जटिल, जीर्ण कष्टसाध्य रोगों से मिल रही है मुक्ति Getting rid of complex, chronic painful diseases through Panchakarma therapy

प्रमख चिकित्सा अधिकारी तथा पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ. सुनील कुशवाह ने बताया कि फरवरी 22 से अगले एक साल तक इस रोगी को पर्यवेक्षण पर रखा गया है, जिससे उसमें मिले सुधारों का विस्तृत चिकित्सकीय अध्ययन किया जा सके। सोमवार को नियमित जांच के लिए आये हनुमंत अब पूरी तरह से सामान्य जीवन जीते हुए बीएससी में अध्ययन कर रहे हैं। हनमंत की तरह चुरू की गुलाबो देवी, श्योपुर के अब्दुल रऊफ, प्रेमबाई, आरिश, कन्यादेवी सहित अन्य रोगियों को पंचकर्म उपचार से अपनी जटिल कष्टसाध्य स्पोंडाइलोसिस, वेरिकोज वैन, सैरिब्रल पाल्सी, साएटिका आदि रोगों में त्वरित राहत मिली है तथा पंचकर्म चिकित्सा द्वारा इन्हें नई जिंदगी मिली है। डॉ कुशवाह ने बताया कि इस तरह के  सैंकड़ों रोगी पंचकर्म चिकित्सा इकाई में उपचारित हो रहे हैं। पिछले 36 महीनों में देश के 11 राज्यों के 37 जिलों के 30 हजार से अधिक रोगी पंचकर्म चिकित्सा इकाई में उपचारित हो चुके हैं। जिला कलेक्टर डॉ रविन्द्र गोस्वामी के निर्देशन में चिकित्सालय में रिनोवेशन तथा रोगी सुविधाएं बढ़ाने का कार्य जारी है।