राजस्थान

गैंगरेप के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत पर काली पट्टी बांध जताया विरोध Gangrape accused protested against relief from the High Court by tying a black band

बूंदीKrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> बसोली थाना क्षेत्र के काला कुआं गांव में नाबालिग से दुष्कर्म कर हत्या करने के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिलने पर भाजपा महिला मोर्चा ने आंखों पर काली पट्टी बांधकर गांधी उद्यान में विरोध जताया और और जिला कलेक्ट्रेट पर गांधी पार्क में जमकर सरकार को घेरते हुए नारेबाजी कर कठोर कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील कर आरोपियों को सजा दिलाने की मांग की। महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष नुपूर मालव ने कहा की सरकार द्वारा हाईकोर्ट में मजबूत पैरवी नहीं किए जाने के कारण आरोपी के फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया। ऐसे में कही ना कही सरकार और पुलिस की लापरवाही सामने आती है। मालव ने कहा कि इस पूरे मामले में पोक्सो कोर्ट संख्या दो द्वारा बूंदी में 1 वर्ष पूर्व दोनों ही आरोपी सुल्तान और एक अन्य आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। विरोध करने वालो में भाजपा महिला मोर्चा जिला महामंत्री रंजना जोशी, जिला महामंत्री मोनिका शेरगड़िया, उपाध्यक्ष सूरज बिडला, भाजपा उपाध्यक्ष माया गोस्वामी, मंत्री संतोष कंवर, पंचायत समिति सदस्य सुप्रिया धाभाई, अलीना, ग्यारसी बाई, कैलाशी बाई सहित महिलाएं उपस्थित रही।

राजस्थान हाईकोर्ट ने की गैंगरेप और हत्या के आरोपियों की फांसी की सजा रद्द

जिले में एक मासूम बालिका से गैंगरेप कर उसकी हत्या करने के चर्चित मामले  में बूंदी पोक्सो कोर्ट- द्वारा दो आरोपियों को सुनाई फांसी की सजा को राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द कर दोनों आरोपियों को रिहा करने के आदेश जारी किए थें। शुक्रवार को हाईकोर्ट में जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ में हुई सुनवाई के दौरान आदेश जारी किए, जिसमें कहा है कि जांच में बूंदी पुलिस द्वारा कोर्ट में ठोस सबूत पेश नहीं किए, जिससे आरोपियों की घटना में संलिप्तता साबित हो। ऐसे में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को साक्ष्य सही नहीं मिलने पर बरी किया है। साथ ही फैसले को पलटते हुए राज्य सरकार की डेथ रेफरेंस को खारिज कर दिया था।

गैंगरेप के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत पर काली पट्टी बांध जताया विरोध Gangrape accused protested against relief from the High Court by tying a black band

बूंदी पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई थी आरोपियों को फांसी की सजा

गौरतलब है कि बसोली थाना क्षेत्र के जंगल में 23 दिसंबर 2021 को बकरियां चराने गई 15 साल की आदिवासी बालिका से गैंगरेप और नृशंस हत्या के केस में पॉक्सो कोर्ट 2 ने फैसला सुनाया था। इस केस में पोक्सो कोर्ट नंबर-02 में न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने अंतिम सुनवाई करते हुए 29 अप्रैल 2022 को मासूम से गैंगरेप कर हत्या के मामले में दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाते हुए दोनों पर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया था। राज्य सरकार की ओर से स्पेशल लोक अभियोजक महावीर किशनावत और आरोपियों के अधिवक्ता ने अपने-अपने तर्क दिए थे। लोक अभियोजक ने अदालत के समक्ष 22 गवाह और 79 दस्तावेज पेश किए थे। मामले में पुलिस ने 27 वर्षीय सुल्तान एवं 62 वर्षीय छोटू लाल भील को गिरफ्तार किया। वारदात में शामिल एक आरोपी नाबालिग था जिसे निरुद्ध किया गया था। पुलिस ने मामले का अनुसंधान केस ऑफिसर में लेकर किया था।

डॉग स्क्वायड की मदद से 12 घंटे में किया था वारदात का खुलासा

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि शराब के नशे में दरिंदे चुन्नी से हाथ और गर्दन बांधकर बालिका से दुष्कर्म किया। पूरे शरीर को बुरी तरह नोचते रहे। मासूम लड़ती रही, दौड़ी तो पत्थर मारे, बेसुध हालत और मौत के बाद भी दुष्कर्म करते, नोचते रहे। दरिंदों ने दुष्कर्म के दौरान ही बालिका की गला दबाकर हत्या कर दी थी। वारदात की सूचना पर पुलिस आलाधिकारी मौके पर पहुंचे थे। पुलिस ने एफएसएल और डॉग स्क्वॉड को मौके पर साक्ष्य जुटाने के लिए बुलाया था। 10 थाना अधिकारियों के साथ 200 जवानों की मदद से रात भर पुलिस जंगलों की खाक छानती रही। इस बीच लाश के कुछ दूरी पर पुलिस को एक अंडरवियर पर कुछ बाल मिले थे। डॉग स्क्वॉड टीम ने उस अंडरवियर और बाल से आरोपी को सर्च करना शुरू किया। डॉग स्क्वायड की मदद से 12 घंटे में वारदात का खुलासा किया था।