बिहार

आधुनिक विचारों के कारण , संयुक्त परिवार की संस्कृति हुई छिन्न-भिन्न Due to modern ideas, the culture of joint family has been disintegrated.

पटना.Desk/ @www.rubarunews.com-  एक्सपेरिमेंट इन इंटरनेशनल लिविंग,पटना सेंटर और यूथ होस्टल्स एशोसिएशन ऑफ इंडिया,पाटलीपुत्र ईकाई ( बिहार ) के संयुक्त तत्ववाधान में अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस पर आज के परिवेश में परिवार की उपयोगिता को लेकर बांकीपुर क्लब,पटना में संगोष्ठी आयोजित किया गया | इस में एक्सपेरिमेंट इन इंटरनेशनल लिविंग ,पटना सेंटर के

कम्यूनिटी चेयरमैन आर सी मल्होत्रा एवं उपाध्यक्ष नीलम छाबरा,सचिव पुष्पम झा ,पूर्व चेयरमैन डॉ.टी आर गांधी,पूर्व आई ए एस, आनंद वर्धन सिन्हा,अरुण कुमार,एस के मल्होत्रा ,श्री राम छाबरा एवं यूथ होस्टल्स एशोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मोहन कुमार,उपाध्यक्ष सुधीर मधुकर,प्रमोद दत्त पाटलीपुत्र ईकाई के डॉ. नम्रता आनंद ,राजेश कुमार,पूजा ऋतु राज वक्ताओं ने संयुक्त रूप से महसूस किया है कि परिवार से बड़ा कोई धन नहीं होता हैं, पिता से बड़ा कोई सलाहकार नहीं होता हैं, मां के आंचल से बड़ी कोई दुनिया नहीं, भाई से अच्छा कोई भागीदार नहीं, बहन से बड़ा कोई शुभ चिंतक नहीं इसलिए परिवार के बिना जीवन की कल्पना करना कठिन है। लोगों से परिवार बनता हैं और परिवार से राष्ट्र और राष्ट्र से विश्व बनता हैं। कोई भी व्यक्ति परिवार से ही अच्छे-बुरे लक्षण सीखता है। एक अच्छा परिवार बच्चे के भूमिका निभाता है।

आधुनिक विचारों के कारण , संयुक्त परिवार की संस्कृति हुई छिन्न-भिन्न Due to modern ideas, the culture of joint family has been disintegrated.

भारत में प्राचीन काल से ही संयुक्त परिवार की धारणा रही है। संयुक्त पूंजी, संयुक्त निवास व संयुक्त उत्तरदायित्व के कारण वृद्धों का प्रभुत्व रहने के कारण परिवार में अनुशासन व आदर का माहौल हमेशा बना रहता है। लेकिन बदलते समय में तीव्र औद्योगीकरण, शहरीकरण, आधुनिकीकरण व उदारीकरण के कारण संयुक्त परिवार की परंपरा चरमराने लग गई है। वस्तुत: संयुक्त परिवारों का बिखराव होने लगा है।
संयुक्त परिवार की संस्कृति को एकाकी परिवारों की जीवनशैली ने दादा-दादी और नाना-नानी की गोद में खेलने व लोरी सुनने वाले बच्चों का बचपन छीनकर उन्हें मोबाइल का आदी बना दिया है। उपभोक्तावादी संस्कृति, अपरिपक्वता, व्यक्तिगत आकांक्षा, स्वकेंद्रित विचार, व्यक्तिगत स्वार्थ सिद्धि, लोभी मानसिकता, आपसी मनमुटाव और सामंजस्य की कमी के कारण संयुक्त परिवार की संस्कृति छिन्न-भिन्न हुई है।
इस मौके पर एक्सपेरिमेंट इन इंटरनेशनल लिविंग के आलोक तक्यार,राजीव कुमार, राज कुमार , राजेश कुमार, रश्मि सिन्हा, बीना चावला,वंदना गांधी,कमलेश मल्होत्रा,यूथ होटल्स के अशोक नगाबंशी,ईशान दत्त आदि उपस्थित थे |
कार्यक्रम का संचालन एक्सपेरिमेंट इन इंटरनेशनल लिविंग ,पटना सेंटर के कम्यूनिटी चेयरमैन आर सी मल्होत्रा ने किया है।