ताजातरीनराजस्थान

भीषण गर्मी के चलते आमजन बरतें एहतियात – डॉ. सामर

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- जिले में बढ़ रही गर्मी के चलते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन से विशेष एहतियात बरतने की अपील करते हुए सीएमएचओ डॉ. ओपी सामर ने इन दिनों अत्यधिक गर्मी व लू-तापघात होने से आमजन चपेट में आ सकते हैं, खासकर हाइरिस्क वाले लोगों को खास ख्याल रखने की जरूरत बताई। वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्मी के मौसम में जिले के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए।
शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर का किया औचक निरीक्षण
गुरुवार को शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर रजत ग्रह एवं संजय नगर स्थित चिकित्सा संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण कर सीएमएचओ डॉ. सामर ने निर्देश दिए कि राज्य, जिला स्तर एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (नई दिल्ली), आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग (राजस्थान, जयपुर) से मिले निर्देशों एवं वीडियो कांफ्रेसिंग में मिले निर्देशां का आवश्यक रूप से से पालन करें। इन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट एवं पूर्वानुमान अनुसार आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करते हुए लू-ताप संबंधी रिपोर्ट एकत्र करें और अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करें। साथ ही अस्पतालों में रोगियों के उपचार के लिए अग्रिम रूप से इंतजाम, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस, ड्रिप सेट, ब्लीचिंग पाउडर सहित अन्य आवश्यक दवाइयां रखने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि गर्मी से होने वाली बीमारियां जैसे उल्टी, दस्त, पीलिया, आंत्र दोष एवं अन्य मौसमी बीमारियों के रोगियों की सतर्कता से निगरानी रखे और आवश्यक उपचार उपलब्ध करवाएं। सभी केन्द्रों पर रेपिड रेस्पॉन्स टीम एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित करते हुए आमजन को गर्मी से बचाव के बारे में जानकारी उपलब्ध भी करवाएं।
यह हैं लक्षण
सीएमएचओ डॉ. सामर ने बताया कि शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात से सिर का भारीपन व अत्यधिक सिरदर्द होने लगता है। इसके अलावा अधिक प्यास लगना, शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना, अत्यधिक प्यास का लगना व बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि लक्षण आने लगते हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय दृष्टि से लू-तापघात के लक्षण, लवण व पानी की आवश्यकता व अनुपात विकृति के कारण होती है। मस्तिष्क का एक केन्द्र जो मानव के तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है। ऐसे में रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जावे। रोगी को होश मे आने की दशा मे उसे ठण्डा पेय पदार्थ पिलाएं। उन्होंने बताया कि यदि उक्त सावधानी के बाद भी मरीज ठीक नहीं होता है, तो उसे तत्काल निकट की चिकित्सा संस्थान ले जाया जाए।
जरूरी है सावधानी
डॉ. सामर ने आमजन से भीषण गर्मी के चलते एहतियात बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो धूप में न निकलें, धूप में शरीर पूर्ण तरह से ढका हो। आमजन जब भी बाहर निकलें, छाता व पानी आदि की व्यवस्था अनुरूप घर से निकलें। धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। बहुत अधिक भीड़ व गर्म घुटन भरे कमरों से बचें। बिना भोजन किए बाहर न निकलें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही जरूरी होने पर बाहर निकलें। रंगीन चश्मे एवं छतरी का प्रयोग करें। गर्मी मे हमेशा पानी अधिक मात्रा मे पिएं एवं पेय पदार्थों जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, जूस आदि का प्रयोग करें। लू तापघात से प्राय हाई रिस्क श्रेणी वाले लोग जैसे कि कुपोषित बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं व शुगर, बीपी आदि के मरीज शीघ्र प्रभावित होते हैं। इन्हें बाहर न निकलने दें व इनका विशेष ध्यान रखें। स्वास्थ्य संबंधी जरूरत होने पर तत्काल 108 को कॉल करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर जाएं। नरेगा अथवा अन्य श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।