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जहरीला दाना डालकर 5 राष्ट्रीय पक्षियों का शिकार सीन्ती के ग्रामीणों की सतर्कता से बच गए दर्जनों मोर

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- जिले के गुढ़ानाथावतान वनपाल नाका क्षेत्र के सीन्ती गांव में मंगलवार शाम व बुधवार सुबह जहरीला दाना खाने से 5 मोरों की मौत हो गई। मृत वन्यजीवों का पोस्टमार्टम करवाकर मामला दर्ज कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के मुन्देड़ वनखण्ड के निकट भीमलत नदी किनारे मंगलवार शाम सीन्ती के ग्रामीणों को तीन संदिग्ध शिकारी नजर आए जिनसे पूछताछ करने पर उन्होने तीतर मारने के लिए आना बताया। कुछ देर बाद वे वहां से गायब हो गए तथा नदी किनारे कुछ मोर तड़पने लगे। ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी जिसपर गुढ़ानाथावतान नाका प्रभारी श्योजी लाल चौहान व वन रक्षक रमेश कुमार मीणा मौके पर पहुंचे तथा तड़पते मोरों को रेस्क्यू कर इलाज करवाया लेकिन 1 नर व 4 मादा मोरों को बचाया नहीं जा सका। ग्रामीणों की सतर्कता से अन्य मोरों व पक्षियों को घटना स्थल से दूर भगाकर जहरीला दाना खाने से बचा लिया। वनकर्मियों ने ग्रामीणों के सहयोग से नदी किनारे व खेतों में फेले जहरीले दानों को हटाया व बीमार मोरों पर नजर बनाए हुए है। वन विभाग ने वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज कर शिकारियों की धरपकड़ के लिए गश्त तज कर दी है। गौरतलब है कि जिले में राष्ट्रीय पक्षियों के शिकार की घटनाएं सर्दी के दिनों में बढ़ जाती है जिनपर पिछले कुछ सालों से वन्यजीव प्रेमियों की सतर्कतता से अंकुश लगा है।
राज्य में 5 साल से राष्ट्रीय पक्षी के संरक्षण की नहीं बनी योजना
बूंदी जिले में उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार 5 साल पहले हुई मोरों की गणना के बाद राष्ट्रीय पक्षी को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी और मोरों के शिकार पर अंकुश लगा। 5 साल बाद भी जिले में मोर संरक्षण के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनने से राष्ट्रीय पक्षी के संरक्षण के लिए माननीय न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं हो पाई है। पीपुल फोर एनिमल के प्रदेश प्रभारी बाबू लाल जाजू की पी एल आई पर उच्च न्यायालय ने बून्दी सहित प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार पर रोक लगाने व इनके संरक्षण के साथ आश्रय स्थलों को विकसित करने के लिए ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे। इसके तहत हर साल मोर गणना करवाने, जिला व ब्लॉक स्तर पर मोर संरक्षण समितियां गठित करने तथा मोरों की संख्या बढ़ाने के लिए मोर संरक्षण केंद्र स्थापित करने की बात कही गई थी।
2018 में हुई गणना में बूंदी जिले में 60 हजार से अधिक थे मोर
बून्दी जिले में मोरों के शिकार की घटनाएं सबसे ज्यादा होने के कारण यहां तत्कालीन सहायक वन संरक्षक सतीश जैन व पर्यावरण प्रेमी पृथ्वी सिंह राजावत की देखरेख में 30 अगस्त 2018 को एक साथ मोरों की गणना करवाई गई जिसमें 61740 मोर दिखाई दिए थे। इनमें 29210 नर, 26216 मादा तथा 6314 बच्चे गणना के दौरान रिकोर्ड किए गए। इस दौरान जिले के रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य, मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व, रणथम्भौर टाइगर रिजर्व, चंबल घड़ियाल अभयारण्य व वन मण्डल बूंदी के वन क्षेत्रों में गणना की गई। मोर गणना का कार्य राजस्थान के सभी जिलों में होना था लेकिन बूंदी जिले ने यह काम शिक्षकों के सहयोग से सबसे पहले कर दिखाया। गणना के दौरान राजस्व व आबादी क्षेत्र में शिक्षकों ने सबंधित गांव से जुड़े बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों का सहयोग लेते हुए भरपूर सहयोग किया तथा प्रभावी गणना को अंजाम दिया। इसके अलावा स्काउट-गाईड व वनकर्मियों ने भी सराहनीय कार्य किया।
लोगों में राष्ट्रीय पक्षी के प्रति बढी जागरूकता
मोर की गणना बड़े पैमाने पर व जिले के हर गांव-ढाणी में होने से लोगों में मोर संरक्षण के प्रति जागरूकता बढी है और इसी का परिणाम है कि शिकार पर रोक लगी है। साथ ही जिन विद्यार्थियों व शिक्षकों ने मोर गणना की थी वे भी मोरों का परा ध्यान रखने लगे है। लेकिन मोर संरक्षण का कार्य आगे नहीं बढ़ने से न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं हो पा रही है तथा मोरों के प्राकृतिक आवास खत्म होने से इनकी संख्या घटने की आशंका है।
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मोरों गणना 2018 रिपोर्ट (वन क्षेत्र)
मोर गणना क्षेत्र मोरों की संख्या
रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य 1406
रणथम्भौर टाइगर रिजर्व, बफर जोन 1038
मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व (जवाहर सागर अभयारण्य) 186
राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभयारण्य 186
बूंदी वन मण्डल क्षेत्र 3143
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मोरों गणना 2018 रिपोर्ट (राजस्व क्षेत्र)
मोर गणना क्षेत्र मोरों की संख्या
हिंडोली 13990
बूंदी 10223
तालेड़ा 9984
के. पाटन 10062
नैनवां 11522
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बूंदी सहित राजस्थान के सभी जिलों में मोरों के लिए उपयुक्त आवास स्थलों को मोर संरक्षण व उनके उपचार के लिए बचाव केंद्रों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। इसके लिए जिला स्तर पर मोर संरक्षण समितियां गठित कर उनके निर्देशन में ग्राम पंचायत स्तर तक मोर संरक्षण दल गठित किए जाने की आवश्यकता है।
पृथ्वी सिंह राजावत मानद वन्यजीव प्रतिपालक, बून्दी
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मोरों के शिकार की सूचना पर टीम भेज कर त्वरित कार्रवाई की गई तथा मृत मोर का पोस्टमार्टम करा कर घायल मोर का इलाज कराया जा रहा है। मामले में जांच करवाई जा रही हैं, आरोपियों का पता लगा कर वन्यजीव अधिध्नियम के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी।
बुधवार को सभी रेंजर्स की बैठक लेकर ऐसे मामलों में त्वरित व सख्त कार्रवाई एवं निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सभी रेंजर्स को अपने सोर्सेज को एक्टिवेट कर संवंदनशील क्षेत्रों में त्वरित कार्यवाही करने को कहा हैं। वही ग्रामीणों से अपील है कि शिकारियों के संबंध में कोई भी जानकारी हो तो विभाग को तुरंत अवगत करवाएं।
ओ पी जांगिड़, उपवन संरक्षक बूंदी