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जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन के अंतिम 72, 48 व 24 घंटों में संपादित होने वाले कार्यों के संबंध में जारी किए दिशा निर्देश

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-  निर्वाचन विभाग राजस्थान से प्रदत्त निर्देश के क्रम में लेख है कि मतदान से 72 घंटे पूर्व से लेकर मतदान के अगले दिवस तक की क्रमशः 72 घंटे, 48 घंटे, 24 घंटे मतदान दिवस एवं मतदान दिवस के अगले दिन एवं पुनर्मतदान/ मतदान स्थगित होने की स्थिति में मानक संचालन प्रक्रिया के तहत जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने दिशा निर्देश जारी किए हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन के अंतिम 72 घंटों के लिए निर्देश दिए कि हैं कि निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण से जुड़े सभी दलों यथा एफएसटी, एसएसटी, वीएसटी, वीवीटी, एटी को और अधिक सुदृढ किया जाए। पुलिस/सुरक्षा कार्मिकों के अभाव में भी इन्हें किसी भी प्रकार से भंग नहीं किया जावे एवं अतिरिक्त कार्मिक लगाए जावे। पुलिस स्टेशन, चौकी अनुसार एसएसटी टीम को बढ़ाया जावे। बेहतर प्रभाव के लिए एफएसटी/एसएसटी को संवेदनशील जगह पर लगाया जावे। धनबल के दुरुपयोग को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाए। स्वयं सहायता समूह/एनजीओ द्वारा धन के वितरण पर विशेष फोकस हो।
उन्होंने निर्देश दिए कि शादियों/मैरिज हॉल/सामुदायिक हॉल में गिफ्ट आइटम/मुफ्त खाने/टोकन वितरण पर विशेष एवं किसी संगठन द्वारा रसोई, लंगर, सामूहिक भोज पर एवं समारोह पर गेस्ट हाउस, धर्मशालाओं की भीड़ पर निगरानी रखे जाने की व्यवस्था की जावे। सरकारी योजना के अन्तर्गत कोई मजदूरी एवं अन्य लाभ का वितरण नहीं हो, इसकी सुनिश्चितता की जावे। निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण से जुड़ी टीमों विशेषकर एफएसटी/एसएसटी रात में चौकसी व अत्यधिक सक्रियता से कार्य करे। सीविजिल और टोल फ्री नंबर से शिकायतों की कड़ी निगरानी एवं शिकायतों के समाधान के लिए त्वरित प्रक्रिया अपनाई जावे। अवैध शराब, नशीले पदार्थों, प्रलोभन और मुफ्त की वस्तुओं की व्यवस्था के लिए नकद के संदर्भ में निगरानी की नए सिरे से व्यवस्था सुनिश्चित की जावे।
उन्होंने निर्देश दिए कि निगरानी के लिए एफएसटी के साथ सीएपीएफ का मिश्रण सुनिश्चित किया जावे। एफएसटी/ एसएसटी की कार्यप्रणाली सडकों पर विजिबल उपस्थिति और लिए गए एक्शन को बारीकी से चिन्हित किया जावे। सोशल मीडिया विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणन और बुकिंग एवं इस पर होने वाले व्यय के मुद्दों पर ध्यान रहे। डिजिटल वॉलेट के माध्यम से धन हस्तांतरण और इलेक्ट्रोनिक प्लेटफार्म पर मुफ्त वितरण के पहलुओं पर बारीकी से नजर रखी जावे। आबकारी नाकों पर एवं शराब के वितरण पर कड़ी नजर रखी जावे। जब्ती के निशानों पर नजर रखने के प्रयास होने चाहिए और ऐसे मामलों में, जहां ऐसे निशानों को ट्रैक किया गया है/या प्रक्रिया में है, उसके लिए हमेशा तैयार रहे। जब्ती के प्रयास होने चाहिए परन्तु यह भी सुनिश्चित किया जावे कि आम जनता का उत्पीड़न न हो और वाहनों की जांच विनम्र तरीके से की जावे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्देश दिए है कि धन के दुरुपयोग को रोकने और प्रलोभन पर कड़ी नजर रखने के लिए प्रत्येक थाना अधिकारी एवं क्षेत्रीय स्तरीय चुनाव मशीनरी को टीम के रूप में कार्य करे। शराब की कोई खेप पकडे जाने पर अन्तर्राज्यीय सीमा और वाणिज्यिक कर चेक पोस्ट पर उचित जांच एवं ऐसी आपूर्ति के स्रोत और गंतव्य का पता लगाने के लिए उचित कार्यवाही की जावे और जब भी ऐसी खेप जब्त की जावे। किसी भी संभावित शरारत के लिए चुनाव लडने वाले अभ्यर्थियों और उनकी पार्टी के नेताओं के साथ आने वाले व्यक्तियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों पर कड़ी नजर रखी जावे, जिससे अवैध हथियार और हथियार चलाने जैसी आपराधिक गतिविधियां भी शामिल है। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए सीविजिल के प्रभावी संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन के अंतिम 48 घंटों के लिए निर्देश दिए है कि मतदान से पहले के आखिरी 48 घंटे चुनाव मशीनरी के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत, मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित समय के साथ समाप्त होने वाली 48 घंटे की अवधि में, अभियान समाप्त हो जाएगा। इसलिए यह अवधि अनिवार्य रूप से यह अवधि होती है जब सार्वजनिक बैठकों आदि के माध्यम से सभी चुनाव प्रचार को रोक दिया जाता है। चुनाव वाले क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए ताकि कोई भी बेइमान तत्व राजनीतिक लाभ लेने के लिए मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रेरित और प्रभावित करने के लिए नकदी, उपहार, शराब आदि के अवैध वितरण जैसी नापाक गतिविधियों में शामिल न हो सके।
उन्होंने निर्देश दिए कि बिना लाइसेंस वाले परिसरों में शराब के भंडारण पर उत्पाद शुल्क कानून में दिए गए सभी प्रतिबंधों को मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय के साथ समाप्त होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सख्ती से लागू की जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135 ब् में निहित संवैधानिक प्रावधान के मद्देनजर ‘शुष्क दिवस’ को प्रासंगिक राज्य कानूनों के तहत 48 घंटों के दौरान घोषित और अधिसूचित किया जाएगा। इसकी पूर्ण पालना सुनिश्चित करवाई जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि चुनाव में प्रचार के दौरान राजनीतिक दल उस अभियान को बढावा देने के लिए चुनाव क्षेत्र से बाहर से भी अपने समर्थक जुटाते है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि प्रचार अवधि की समाप्ति के बाद निर्वाचन क्षेत्र के भीतर कोई भी प्रचार नहीं हो सकता। अभियान की अवधि समाप्त होने के बाद निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक पदाधिकारियों/पार्टी कार्यकर्ताओं/जुलूस पदाधिकारियों/अभियान पदाधिकारियों आदि की उपस्थिति, जो निर्वाचन क्षेत्र से बाहर से लाए गए है और जो अपने निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं है, उन्हें निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद नहीं रहना चाहिए क्योंकि अभियान समाप्त होने के बाद भी उनकी निरन्तर उपस्थिति स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान के माहौल को कमजोर कर सकती है। इसलिए जिला प्रशासन/पुलिस प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि ऐसे पदाधिकारी प्रचार अवधि समाप्त होने के तुरन्त बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड दे।
उन्होंने निर्देश दिए कि कल्याण मंडप/विवाह हॉल/सामुदायिक हॉल आदि की जांच की जावे जहां ऐसे लोगों को रखा जा सकता है और यह भी पता लगाया जाए कि क्या इन परिसरों में बाहरी लोगों को ठहराया गया है। रहने वालों की सूची पर नजर रखने के लिए लॉज/गेस्ट हाउस आदि का सत्यापन किया जावे। निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं पर चौक पोस्ट स्थापित करें और निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से वाहनों की आवाजाही पर नजर रखी जावे। लोगो/लोगों के समूह की पहचान सत्यापित करें ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे मतदाता है या नहीं। उम्मीदवारों द्वारा सी-1 प्रारूप में और राजनीतिक दलों द्वारा सी-2 प्रारूप में समाचार पत्रों और टीवी में आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रकाशन पर निगरानी करना, तीसरे चरण के लिए प्रकाशन का अंतिम दिन (मतदान दिवस से दो दिन पूर्व तक) जिसके भीतर प्रकाशन किया जाना है।
उन्होंने निर्वाचन के अंतिम 24 घंटे हेतु निर्देश जारी किए हैं कि प्राकृतिक आपदा या किसी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग को पहले से ही चुनाव योजना से अवगत कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि संकट के समय उनकी सेवाएं आसानी से प्राप्त की जा सके।