प्रतिबंध के बावजूद भी बरसात के दिनों में भी नदियों से रेत खनन जारी, फिर भी जिला प्रशासन मौन
जिले भर में सड़क के किनारे अवैध रेत के डम, फिर भी माइनिंग अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई, सड़क पर रेत फैलने से वाहन चालक होते घायल
भिण्ड.ShashikantGoyal/ @www.rubarunews.com-शहर में हाईवे के किनारे जगह-जगह रेत माफियाओं ने रेत का अवैध तरीके से रेत का डंप कर रखा है, रेत सड़क पर फैलने से वाहन चालक फिसलकर घायल हो रहे हैं वही बरसात के दिनों में अवैध खनन पर पूर्ण रोक लगी होने के बावजूद भी नदियों से खनन जारी हैl जिले में पावर मेक कंपनी को रेत का ठेका दिया गया था और पावर मेक कंपनी ने अल्पकाल में ही पूरे जिला प्रशासन को अपने कब्जे में कर लिया।
पावर मेक कंपनी के द्वारा मनमाने तरीके से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बरसात के समय 1 जुलाई से पूरी तरह बैध-अवैध तरीके से प्रतिबंध लगा दिया था, उसके बावजूद भी पावर में के गुर्गे लगातार नदी से पोकलेन, पनडुब्बी व जेसीबी इत्यादि मशीनों से धड़ल्ले से अवैध उत्खनन कर रहे हैं। इतना ही नहीं पावरमेक कंपनी के द्वारा किसानों के खेतों में भी जबरन उत्खनन किया जा रहा है, जिसकी ककाहरा, खैरा, श्यामपुरा के किसान कई बार शिकायत भी कर चुके हैं।
इस संबंध में भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाह भी कलेक्टर से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायती पत्र लिखकर अवगत करा चुके हैं तो वहीं कांग्रेस भी लगातार अवैध उत्खनन को लेकर कई प्रदर्शन कर चुकी है लेकिन पावरमेक कंपनी लगातार नदियों से अवैध रेत का उत्खनन रेत माफियाओं के द्वारा करवा रही हैं। बरसात के समय पावरमेक कंपनी को जिले 12 भंडारण करने के लिए अनुमति मिली थी, लेकिन पावर मेक कंप का पावर तो देखो सैकड़ों जगह अभी भी रेत का अवैध भंडारण किया जा रहा हैं, और प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। चाहे वह पुलिस हो माइनिंग हो या स्वयं कलेक्टर ही क्यों ना हो बिना किसी परवाह है के लगातार पावर में कंपनी के द्वारा नदी से रेत का अवैध उत्खनन रोक के बावजूद भी किया जा रहा है ।
कलेक्टर के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं बरसात में भी नदियों से रेत निकालने का काम रेत माफियाओं और पावर मैक कंपनी के ग्रुप द्वारा जारी है जिस पर कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठा पा रहा है और ना ही माइनिंग अफसर और ना ही एसडीएम कोई भी अधिकारी इस पर कार्यवाही करने के लिए नहीं जा रहा है सिर्फ दफ्तर में बैठकर कुर्सियां तोड़ते हुए देखे जा सकते हैं और सिंध नदी से बरसात के मौसम में भी धड़ल्ले से रेत खनन जारी है जिस पर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग लगाम नहीं लगा रहा है जिस कारण रेत माफिया के हौसले बुलन्द है।