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न्यायालय ने पंचायत के पट्टे को माना वैध तीन दशक तक पीड़ित परिवार ने लड़ी कानूनी लड़ाई

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- बूंदी जिला एवं सेशन न्यायाधीश मीनाक्षी मीणा द्वारा 30 साल लंबे प्रकरण में निर्णय सुनाते हुए छत्रपुरा ग्राम पंचायत द्वारा जारी पट्टे को वैध मानते हुए नगर परिषद द्वारा लगाई गई बोली को निरस्त कर छोटे लाल माली के परिवार को उक्त भूमि सौंपने का निर्णय सुनाया है।
पीड़ित छोटालाल के अधिवक्ता कैलाश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 दिसंबर 1983 को छोटेलाल माली ने छत्रपुरा ग्राम पंचायत से लंका गेट चौराहे पर 10× 60 का व्यावसायिक भूखंड जीविकोपार्जन के लिए 1200 रुपये में खरीद कर उसका पट्टा जारी कराया था। लेकिन नगर पालिका बूंदी द्वारा उक्त पट्टे को वैध नहीं माना ओर उक्त भूमि को सिवायचक सरकारी भूमि बता कर छोटे लाल को अतिक्रमी बता कर जगह खाली करने का नोटिस दे दिया। जिसपर छोटेलाल ने नगरपालिका के विरुद्ध 1993 में अपर जिला न्यायाधीश संख्या दो बूंदी न्यायालय में दावा पेश किया।
उसी दौरान वर्ष 2005 उच्च न्यायालय  द्वारा यथा स्थिति का स्टे देने के बाद भी उक्त भूखण्ड की बोली लगा दी और उसपर दो दुकाने काट कर बेच दी। जिस पर बोली दाता द्वारा दुकानों का निर्माण कर लिया गया वर्ष 2015 में न्यायालय ने छोटेलाल के पक्ष में निर्णय सुनाया। जिसकी अपील पीड़ित द्वारा डीजे कोर्ट में की जहां 30 वर्ष की लंबी लड़ाई के बाद 30 मई 2025 को छोटे लाल के पक्ष में जिला न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए नगर परिषद द्वारा लगाई गई बोली को निरस्त करते हुए छोटा लाल द्वारा छत्रपुरा ग्राम पंचायत से जारी पट्टे को सही माना। और उक्त भूमि छोटे लाल की मानते हुए उनके परिजनों को नगर परिषद द्वारा भूमि सौंपने का निर्णय सुनाया।