राजस्थान

बाल संरक्षण एवं बाल अधिकारों एवं सुरक्षित बचपन पर बच्चों को किया जागरूक Children made aware on child protection and child rights and safe childhood

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> सेल्फ डिफेंस को लडकियों के लिए अत्यन्त आवश्यक बताते हुए पुलिय अधीक्षक जय यादव ने कहा कि प्राथमिक तौर पर सेल्फ डिफेंस के द्वारा कई अपराधों से बचा जा सकता है। इंडियन पैनल कोर्ट के अनुसार सेल्फ डिफेंस में सुरक्षा प्रदान की जाती है। जय यादव ने सेल्फ डिफेंस की प्रशिक्षित महिला कॉन्स्टेबल को बालिकाओं के सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग के लिए भिजवाने को कहा। जय यादव ने बच्चों से वार्तालाप के दौरान अपने जीवन में पढ़ाई, कानून व्यवस्था, और जागरूकता के बारे में बातचीत करते हुए बच्चो को संकट के समय चाइल्ड हेल्प लाइन के 1098 और पुलिस के टोल फ्री न. 100 पर शिकायत दर्ज करने की सलाह दी है। इन्होंने बच्चो के सवाल लिए और संतुष्टिपूर्ण जवाब भी दिए बाल मित्र पुलिस कार्यक्रम तहत् बून्दी पुलिस द्वारा प्रत्येक मंगलबार को बच्चों के साथ बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं जिले में बच्चों के साथ होने वाले हिंसा को रोकने हेतु बच्चों से सीधे सवाल-जवाब कर बच्चों की समस्याओं को दूर करने हेतु एक मंच ‘मिशन सुरक्षित बचपन’ प्रदान किया जा रहा है।

बाल संरक्षण एवं बाल अधिकारों एवं सुरक्षित बचपन पर बच्चों को किया जागरूक Children made aware on child protection and child rights and safe childhood

जिला पुलिस अधीक्षक की पहल पर गुरूवार को इम्मानुएल मिशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल बून्दी में बून्दी पुलिस, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चों के साथ परिचर्चा आयोजित की गई। परिचर्चा में जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव, विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुनील यादव, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पोद्दार, एडिशनल एसपी किशोरी लाल, डीवाईएसपी हेमंत नोगया, बाल कल्याण समिति सदस्य छुट्टन लाल शर्मा, रोहित गुदरावत, सदर थाना अधिकारी अरविंद भारद्वाज, कोतवाली थानाधिकारी सहदेव मीणा, विमंदित गृह अधीक्षक महेश गोस्वामी उपस्थित रहे। वक्ताओं ने बच्चों के साथ बाल संरक्षण एवं बाल अधिकारों एवं सुरक्षित बचपन पर जागरूक किया।

बच्चों को मोबाइल के उपयोग के बारे में चर्चा करते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुनील यादव ने मोबाइल के उपयोग को आग और पानी की तरह बताया। जैसे आग और पानी के बेकाबू होने पर तबाही मचाते है, उसी प्रकार मोबाइल का सही उपयोग करे तो लाभ दायक और गलत साईट पर चले गए तो वह जीवन को बर्वाद कर सकता है। वहीं सदर थाना प्रभारी अरविंद भारद्वाज ने बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देते हुए कहा कि ट्रैफिक नियमों उल्लंघन ना करें। 18 साल से कम के बच्चों को वाहन नहीं चलाने चाहिए। किसी बच्चे से यदि कोई एक्सीडेंट हो जाता है , तो पेनल्टी के रूप में मां-बाप को सजा का प्रावधान है, हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए।

बच्चों के मासूम सवाल,  पुलिस  अधीक्षक के  परिपक्व जवाब

प्रश्न – सर, क्या हमें अपराध के विरुद्ध शिकायत करनी चाहिए, यदि अपराधी हमें डराए तो भी?

पुलिस अधीक्षक – हमें अपनी आवाज हमेशा उठानी चाहिएं, अपराधियों के विरुद्ध शिकायत हमेशा लगानी चाहिए इससे अपराधियों के हौसले पस्त होंगे शिकायत करने वालों का नाम गुप्त रखा जाता है, अपराधी भी यही चाहते हैं कि उनकी शिकायत ना लगाई जाए। शिकायत करने से अपराधी को तो सजा मिलती है साथ में दूसरे लोग भी हिम्मत जुटा पाते हैं अपने खिलाफ हुए अपराधों के बारे में बोलने के लिए।

प्रश्न – साइबर क्राइम से प्रोटेक्शन कैसे मिलेगा?

पुलिस अधीक्षक-बच्चों को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया अकाउंट से बचना चाहिए। बच्चों को किताबें पढ़नी चाहिए। खेल पर ध्यान देना चाहिए। खेल को अपने जीवन का हिस्सा भी बनाना चाहिए । मैं स्वयं किसी भी खेल को खेलने के लिए ज्यादा प्रोत्साहित रहता हूं।

प्रश्न – सर देखने में आ रहा है कि अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसमें पुलिस का क्या रोल है? पुलिस अधीक्षक- अपराध से ज्यादा जागरूकता बढ़ी है रिपोर्टिंग बढ़ गई है, इसलिए केस बढ़ रहे हैं। पुलिस और सरकार का प्रयास है कि जागरूकता बढें और लोग सामने आए और अपनी बात रखें और उनके साथ जो गलत हुआ है। उससे बेझिझक बताएं लोग क्या कहेंगे इसकी परवाह नहीं करनी चाहिए। अपराध के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। पुलिस का काम ही अपराधों को रोकना और जनता को सुरक्षा प्रदान करना है।

प्रश्न – पोक्सो कानून क्या है?

पुलिस अधीक्षक- प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रंस फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस, 2012 में यह कानून बना था। इसमें किसी को बख्शा नहीं जाता नाबालिक बच्चों के साथ हुए अपराध की सजा का सबसे कठिन कानून बनाया गया है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए।

प्रश्न – बैकबेंचर्स जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं?

पुलिस अधीक्षक – पीछे बैठने से पढ़ाई का कोई संबंध नहीं है ,सफलता कोई भी प्राप्त कर सकता है। पढ़ाई के साथ अन्य फील्ड में भी खेलकूद में भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न – पुलिस पर राजनेताओं का कितना प्रभाव रहता है?

पुलिस अधीक्षक – कानून सबके लिए बराबर है कानून से ऊपर कोई भी व्यक्ति नहीं है यदि कोई प्रभावित होता भी है, तो  न्यायालय इन सबसे ऊपर है। मीडिया की भूमिका भी इसमें सकारात्मक हो सकती है।

प्रश्न – ड्रग्स से बच्चों पर क्या असर होता है ?

पुलिस अधीक्षक – ड्रग्स बेचने वाले को पता है कि बच्चों को आसानी से बहकाया जा सकता है। पहले बच्चों को फ्री में  देते हैं जब बच्चों की आदत पड़ जाती है, तो फिर उन के माध्यम से वे अपना कार्य आसानी से करते हैं, इसलिए बच्चों को इस से दूर रहना चाहिए और इसकी सूचना तुरंत पुलिस ,सीडब्ल्यूसी या सीधे कोर्ट में भी दी जा सकती है।

प्रश्न – थानों  पर सुनवाई नहीं होती तो क्या करें?

पुलिस अधीक्षक- अन्य उच्च अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है और एसपी का ऑफिस 24 घंटे आप लोगों के लिए खुला है! वहां आप पहुंच कर अपनी शिकायत कर सकते हो और अपनी बात बता सकते हो सीधा मुझसे भी मिला जा सकता है।