TOP STORIESदेश

दो और आयुष संस्थानों को एनएबीएच और एनएबीएल की आधिकारिक मान्‍यता Two more AYUSH institutes get official recognition from NABH and NABL

नई दिल्ली.Desk/ @www.rubarunews.com>> आयुष की बढ़ती वैश्विक मांग के बीच, भारतीय चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में संस्थान और अस्पताल तेजी से चिकित्सा बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय के केन्‍द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस) के तहत दो प्रमुख संस्थान केन्‍द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई), नई दिल्ली और केन्‍द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झांसी को क्रमशः एनएबीएच और एनएबीएल की आधिकारिक मान्यता मिल गई है।

उल्लेखनीय है कि एनएबीएच भारतीय गुणवत्ता परिषद का मूल बोर्ड है, जिसकी स्‍थापना स्वास्थ्य सेवा संगठनों के मान्यता कार्यक्रमों को स्थापित करने और उन्‍हें चलाने के लिए की गई है। आधिकारिक मान्यता राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर रोगी सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करती है।

दो और आयुष संस्थानों को एनएबीएच और एनएबीएल की आधिकारिक मान्‍यता Two more AYUSH institutes get official recognition from NABH and NABL

इस उपलब्धि पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने दोनों संस्थानों के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके समर्पण और निरंतर प्रयासों के लिए बधाई दी। आयुष भवन, नई दिल्ली में औपचारिक रूप से आयोजित कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव श्री प्रमोद कुमार पाठक, दोनों संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

केन्‍द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली की स्थापना वर्ष 1979 में आयुष मंत्रालय के केन्‍द्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् (सीसीआरएएस) के तहत की गई थी और यह आयुर्वेद में नैदानिक ​​अनुसंधान के लिए समर्पित है और यह सामान्‍य ओपीडी के माध्‍यम से आयुर्वेद में विशेष ओपीडी, सुरक्षात्‍मक हृदय रोग विज्ञान और जीवन शैली की चुनौतियों, कान और नाक की ओपीडी, जराचिकित्सा ओपीडी, बालरोग, संधिरोग, क्लिनिकल साइकोलॉजी और मर्म ओपीडी के रूप में स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का विस्तार करता है। इस तरह की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा की पेशकश, एनएबीएच मान्यता प्राप्‍त संस्थान में आने वाले हजारों रोगियों के स्वास्थ्य संबंधी उद्देश्यों को बदल देगी।

सीसीआरएएस-सीएआरआई, झांसी (उत्‍तर प्रदेश) को एनएबीएल की मान्यता

केन्‍द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, झांसी (उत्‍तर प्रदेश) सीसीआरएएस, आयुष मंत्रालय के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जिसमें अत्याधुनिक गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाएं (रसायन विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, फार्माकोग्नॉसी), आयुर्वेदिक फार्मेसी, सेंट्रल हर्बेरियम और संग्रहालय, और नेशनल रॉ ड्रग्स रिपॉजिटरी (एनआरडीआर) हैं।

इन दो सीसीआरएएस संस्थानों के अलावा, पंचकर्म के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (एनएआरआईपी), चेरुथुरुथी, त्रिशूर, केरल को भी अपनी नैदानिक ​​प्रयोगशाला सेवाओं के लिए एनएबीएल एम (ईएल) टी की आधिकारिक मान्यता प्राप्त है। एनएआरआईपी, केरल केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय के अंतर्गत प्रमुख अनुसंधान संस्‍थाओं में से एक है।