खेलताजातरीनराजस्थान

शतरंज से होता हैं दूरदृष्टि, योजना निर्माण सहित विज़ुअलाइज़ेशन क्षमताओं का विकास

बून्दी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> जिले में 13 वर्ष आयु के अंतर्गत बालक-बालिकाओं के लिए आयोजित राजस्थान ओपन स्टेट चैस चैंपियनशिप का भव्य शुभारंभ शुक्रवार को किया गया। बूंदी चैस एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव बाहेती ने बताया कि तीन दिवस तक आयोजित होने वाली इस शतरंज प्रतियोगिता में राजस्थान के 50 जिलों से कुल 130 प्रतिभागियों ने चार आयु वर्गों अंडर 7, अंडर 9, अंडर 11 एवं अंडर 13 के अंतर्गत इस प्रतियोगिता के लिए पंजरकीण्र करवाया है। प्रतियोगिता में 33 प्रतिभागी अंतर्राष्ट्रीय रेटेड शतरंज खिलाड़ी शामिल हैं। प्रायोजक संस्थान एलन के निदेशक नवीन माहेश्वरी ने बताया कि शैक्षणिक परिप्रेक्ष्य में शतरंज एक अभूतपूर्व साधन है, जो खेल-खेल में बौद्धिक विकास और शैक्षणिक उत्कृष्टता में अपना सहयोग प्रदान करता है। शतरंज खेलने से उच्च कोटि चिंतन कौशल के साथ रणनीतिक सोच, रचनात्मकता, विश्लेषण क्षमता आदि का विकास होने लगता है। एलन वाईस प्रेसिडेंट एवं पीएनसीएफ एचओडी अमित गुप्ता ने बताया कि बचपन से शतरंज का अभ्यास किया जाये तो दूरदृष्टि, योजना निर्माण और संभावित परिणामों का आंकलन एवं विज़ुअलाइज़ेशन जैसी क्षमताओं का विकास भी होता है। जो उनके करियर एवं भविष्य के लिए बहुत लाभदायक है। रूस, चीन, इटली समेत विश्व के कई देशों में शतरंज को शैक्षिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।

शुभारम्भ समारोह में प्रतियोगिता के चीफ ऑर्बिटर राजेंद्र तेली के साथ चैस एसोसिएशन के सचिव नन्द सिंह एवं कोषाध्यक्ष लोकेश गुप्ता व अन्य कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे। इस प्रतियोगिता का समापन 19 नवंबर को किया जायेगा, जिसमें विजेताओं को पुरस्कृत किया जायेगा।