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चामुंडा माता जी मन्दिर की पुजारिन कजोड़ी बाई का निधन

बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com- घने जंगल में होकर जहां पहले शेरों का और अब पैंथरों का मुवमेंट है, प्रतिदिन पहाड़ी चढ़कर टीवी टावर के पास चामुंडा माता जी मन्दिर पर जाना और पूजा आरती करके अंधेरे में वापस पैदल ही आना।
नागपाश के गणेश जी के पास रहने वाली 86 वर्षीय कजोड़ी बाई का यह साहसिक व हैरतअंगेज कार्य 50 वर्ष से भी अधिक समय से रोजाना का कार्य था। मंगलवार अलसुबह आंतों में इंफेक्शन की वजह से उनका निधन हो गया। वो बताती थी कि वो युवरानी महेन्द्रा कुमारी जी के विवाह के आसपास विवाह होकर बूंदी आई थी तब इनके पति दरबार में सेवादार थे तो इनका निवास किले के भीतर गेट के पास बने कमरों में ही था। फिर धीरे-धीरे सब लोग किला छोड़कर नीचे रहने लगे तो इनका परिवार भी नागपाश गणेशजी के पास रहने लगा लेकिन कजोड़ी बाई ने प्रतिदिन चामुंडा माता जी की सेवा करने का कार्य नहीं छोड़ा। राजपरिवार से उन्हें इस कार्य का 3 रूपए 13 आना वेतन मिलना शुरू हुआ था जो पांच वर्ष पहले 300 रू महीने हो गया था जो कोरोना के बाद मिलना बंद हो गया था लेकिन वेतन नहीं मिलने पर भी अपनी आस्था व कर्तव्य की भावना के चलते कजोड़ी बाई ने प्रतिदिन चामुंडा माता जी मन्दिर जाना बंद नहीं किया था।
प्रतिवर्ष श्रावण मास की अष्टमी को चामुंडा माता जी मेला भरता है उस दौरान पूर्व विधायक अशोक डोगरा व वर्तमान विधायक हरिमोहन शर्मा से कजोड़ी बाई ने पेयजल लाइन के लिए प्रार्थना की थी, दोनों ही विधायकों ने प्रयास किया लेकिन मामला वन विभाग का होने की वजह से यह कार्य अटक गया। मंगलवार को इनकी शवयात्रा में सैकड़ों लोग शामिल रहे।