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रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व के ईको-सेंसिटिव जोन निर्धारण पर बिरला-यादव की बैठक

नई दिल्ली/बूंदी.KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com-लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय में बैठक कर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व (RVTR) के प्रस्तावित ईको-सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) की सीमाओं और अधिसूचना प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में ईएसजेड की सीमा न्यूनतम 1 किलोमीटर करने पर सैधान्तिक सहमति बनी। इसके उपरान्त अधिसूचना जारी होने के बाद 75 दिनों तक आमजन से आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे, जिसके पश्चात अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।

उल्लेखनीय है वर्तमान में ईको-सेंसिटिव जोन की सीमा 10 किमी होने के कारण कई गांव में भूमि आवंटन, पट्टा-रजिस्ट्री में बाधाओं सहित मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। ईएसजेड की न्यूनतम सीमा 1 किमी तय किए जाने से इस क्षेत्र के सैकड़ों गांवों को लाभ मिलेगा। इससे क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों में बाधा नहीं आएगी, मूलभूत सुविधाओं का विस्तार होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय जनजीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। साथ ही, सामान्य विकास कार्यों के लिए वन विभाग की स्वीकृति की अनिवार्यता नहीं रहेगी।
प्रस्तावित ईएसजेड कुल 1215.96 वर्ग किमी में फैला होगा, जो 1501.89 वर्ग किमी के संरक्षित क्षेत्र को घेरेगा। इसकी चौड़ाई न्यूनतम 1 किमी और अधिकतम 14.79 किमी तक प्रस्तावित है। मसौदा अधिसूचना के अनुसार, कोर-I क्षेत्र में 930.47 वर्ग किमी और कोर-II (राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य का हिस्सा) में 285.49 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल होगा। प्रस्तावित ईएसजेड के सतत प्रबंधन और पर्यावरणीय संतुलन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक निगरानी समिति का गठन भी किया गया है।