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कोरोना से गांवों को बचाने में एएनएम-जीएनएम की भूमिका महत्वपूर्ण

  कोटा KrishnakantRathore/ @www.rubarunews.com>> कोरोना संक्रमण की दूसरी वेव ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अधिक संक्रमित किया। इस कठिन और संकटपूर्ण समय में कोटा जिले में संक्रमण को नियंत्रित करने में एएनएम, जीएनएम, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने शनिवार को उनसे वर्चुअल संवाद कर उनसे कोरोना की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली और अपने गांव और क्षेत्र को कोरोना मुक्त बनाने के लिए व्यापक प्रयास करने का आग्रह किया।

 

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कठिन और चुनौतीपूर्ण समय में एएनएम, जीएनएम, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्वयं की जान जोखिम में डाल घर-घर सर्वे कर आजमन को जागरूक करने का प्रयास किया। जो लोग संक्रमित मिले उन्हें डाक्टर की सलाह से दवाएं उपलब्ध करवाने की कोशिश की। संकट की घड़ी में दूरदराज इलाकों में समर्पण और सेवा भावना के साथ कार्य कर अनेक लोगों की जान बचाने के लिए वे साधुवाद की पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि संवाद के दौरान जानकारी में आया कि एएनएम के कार्यक्षेत्र में 3 से 5 गांव होने के बाद भी उन्होंने छोटे-छोटे गांवों में जाकर उन्होंने ग्रामीणों के स्वास्थ्य की चिंता की। उन्होंने हर गांव में जाकर संक्रमण को रोकने में व्यापक योगदान दिया। ग्रामीणों की सेहत और बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनके प्रयासों की जितनी सराहना की जाए कम हैं।

 

बिरला ने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुआ। हमें अभी और सजग और सतर्क रहना है। इसके लिए एएनएम, जीएनएम, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जागरूकता उत्पन्न करने का प्रयास करें। अधिकतम लोगों का एंटीजन टेस्ट या आरटीपीसीआर जांच करवाएं। किसी व्यक्ति में लक्षण नजर आएं तो उनकी उचित देखभाल कर उनके स्वास्थ्य की चिंता करें।

मजबूत करेंगे ग्रामीण स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि हमें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा। इसके लिए प्रत्येक गांव में एएनएम, जीएनएम, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कार्यकर्ता की टीम खड़ी की जाएगी। इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को स्किल डवलपमेंट विभाग से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा तथा मेडिकल किट भी उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि वे सामान्य जांचों को गांवों में ही कर सकें। इन्हें टेलीमेडिसिन पद्धति से भी जोड़ा जाएगा ताकि वे एएनएम, जीएनएम, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय बनाते हुए ग्रामीणों को बेहतर उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने में सहयोग करें तथा भविय मे आने वाली किसी महामारी या बीमारी का सामना कर सकें।

 

स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की समस्याएं दूर करें अधिकारी
संवाद के दौरान एएनएम, जीएनएम, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला को समस्याओं से भी अवगत कराया। उन्होंने उपस्वास्थ्य केंद्र का स्वयं का भवन नहीं होने या भवन में मरम्मत की आवश्यकता की जानकारी दी। इसके अलावा गांवों में आवागमन के साधन नहीं होने के बारे में भी बताया। बिरला ने कहा कि अधिकारियों को उनसे सम्पर्क में रहकर उनकी समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। उपस्वास्थ्य केंद्रों के भवनों का निर्माण होना चाहिए या मरम्मत करवाई जानी चाहिए ताकि वे व्यवस्थित हालात में आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं दे सकें। इसके अलावा आवागमन के साधन भी मिलें ताकि वे ग्रामीण क्षेत्रों में त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवा सकें।