बिहारशिक्षा

बारहवीं कॉमर्स के बाद क्या?- डॉ• सुनील

पटना.Desk/ @www.rubarunews.com-कॉमर्स अपनी असीम संभावनाओं और व्यापकता के कारण छात्र छात्राओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है ,एक और साइंस में जहां कैरियर के सीमित अवसर हैं वहीं दूसरी ओर कॉमर्स में प्रोफेशनल कोर्सेज के अनगिनत विकल्प हैं स्टूडेंट्स अपनी पसंद और रूचि के अनुसार 12वीं के बाद कोर्स का चयन कर सकते हैं ।
सबसे पहले तो छात्र छात्राओं को +2 के बाद बीकॉम या बीबीए में से किसी एक कोर्स में दाखिला लेना होता है ।
अब गौरतलब यह है कि 12वीं के बाद बीकॉम या बीबीए किया जाए? कोर्स का सही समय पर सही चुनाव करना बेहद आवश्यक है। कॉमर्स और प्रबंधन जैसे कोर्सेज में मेरा जो 21 वर्षों का अनुभव है उसके अनुसार 12वीं कॉमर्स के बाद बीकॉम करना ज्यादा बेहतर और भविष्य में रोजगारोनमुख है क्योंकि बीकॉम के बाद छात्रों के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंसी, कॉस्ट अकाउंटेंसी, कम्पनी सेक्रेट्री और एमबीए जैसे विभिन्न कोर्सेज के दरवाजे खुल जाते हैं और प्राइवेट सेक्टर कॉमर्स ग्रेजुएट को बीबीए से ज्यादा प्राथमिकता देती है, बारहवीं कॉमर्स के बाद जो स्टूडेंट्स बीबीए जैसे कोर्सेज में दाखिला लेते हैं उनका विकल्प बहुत सीमित होकर सिर्फ एमबीए करना ही बच जाता है , और यदि मैं अपने प्रोफेशनल अनुभव के आधार पर बताऊं तो कंपनियां B.COM+ MBA को BBA+ MBA से ज्यादा जॉब ऑफर करती है।
12वीं के बाद छात्र-छात्राएं किन-किन प्रोफेशनल कोर्सेज में प्रवेश कर सकते हैं उसका मैं एक संक्षिप्त विवरण दे रहा हूँ:-
(1) IPMAT – (Integrated program of management aptitude test)
कॉमर्स के छात्र-छात्राओं का सपना भारत के प्रसिद्ध प्रबंधन संस्थान IIM में दाखिला लेना होता है लेकिन अब IIM में प्रवेश के लिए ग्रेजुएट होने का इंतजार और फिर CAT के एग्जाम को देने की कोई जरूरत नहीं है। अब +2 के बाद स्टूडेंट्स हर साल मई/जून में होने वाले IPMAT की परीक्षा देकर IIM इंदौर, रोहतक, जम्मू, रांची और बोधगया में सीधा 5 वर्षीय प्रबंधन कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। प्रबंधन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले स्टूडेंट्स के लिए IPMAT श्रेष्ठ विकल्प है।
(2) CLAT- (Common law admission test)
लॉ के क्षेत्र में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स 12वी के बाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के द्वारा आयोजित कराई जाने वाली
CLAT की परीक्षा पास कर देश के चुनिंदा और प्रतिष्ठित कॉलेज में प्रवेश पाकर कानून की पढ़ाई कर सकते हैं।
(3) CA- (Chartered Accountancy )
“कॉमर्स मतलब CA” यह कहना गलत नहीं होगा, कॉमर्स के अधिकांश छात्र छात्राओं का सपना चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना
होता है। CA का काम लेखा-जोखा, वित्तीय सलाह और टैक्स नियोजन होता है।CA कोर्स को तीन स्तरों पर बांटा गया है फाउंडेशन, आईपीसीसी और फाइनल। 12वीं पास स्टूडेंट्स ICAI द्वारा आयोजित फाउंडेशन की परीक्षा पास कर आईपीसीसी कोर्स में सीधा प्रवेश कर सकते हैं। सीए फाउंडेशन की परीक्षा वर्ष में दो बार होती है।
(4) CS- (Company Secretary)
कंपनी और उससे जुड़ी अधिनियम में अभिरुचि रखने वाले छात्र छात्राओं के लिए CS सबसे उपयुक्त कोर्स है, इस कोर्स को करने के बाद आप कंपनी में कानूनी सलाहकार के पद पर नियुक्त होते हैं, इस कोर्स में लॉ विषय पर अधिक फोकस किया गया है। CS कोर्स को 3 हिस्सों में बांटा गया है छात्र 12वीं के बाद ICSI के द्वारा साल में दो बार आयोजित फाउंडेशन की परीक्षा पास कर एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में प्रवेश कर सकते हैं या ग्रेजुएशन के बाद सीधा एग्जीक्यूटिव में प्रवेश होगा और अंत में प्रोफेशनल प्रोग्राम की परीक्षा पास कर आप कंपनी सेक्रेटरी बन जाएंगे।
(5) CMA- (Cost Management Accountant)
कॉमर्स के छात्रों के बीच CMA कोर्स भी एक आकर्षक कोर्स के रूप में है। उत्पादक कंपनी और अन्य कंपनीज को कॉस्ट अकाउंटेंट की बेहद आवश्यकता होती है। कॉस्ट अकाउंटेंट कॉस्ट अकाउंटेंसी और मैनेजमेंट अकाउंटेंसी में महारत होते हैं। 12वीं के बाद Institute of cost accountancy of India के द्वारा वर्ष में दो बार फाउंडेशन की परीक्षा होती है जिसे पास कर छात्र CMA Intermediate प्रोग्राम में दाखिला करा लेते हैं
(6) बी काॅम ( Bachelor In Commerce) – कॉमर्स से 12 वी पास छात्रों के लिये बी .कॉम एक परंपरागत कोर्स है, कॉमर्स से संबंधित किसी भी प्रोफेशनल कोर्स (CA/CS/CMA) को करने के साथ – साथ किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बी.कॉम अवश्य कर लेना चाहिए | बी.कॉम मे छात्रों को अकाउंटेंसी , अंकेक्षण, लॉ, इकोनॉमिक्स, टैक्स जैसे विषयों की भरपूर जानकारी मिल जाती है!
(7) BBA (Bachelor In Business Management) – प्रबंधन के क्षेत्र मे अपना कैरियर बनाने वाले छात्रों को 12 वीं के बाद बी बी ए (BBA) जैसे प्रोफेशनल/ वोकेशनल मे दाखिला लेना उपयुक्त होगा, बी बी ए कोर्स मे मुख्यत: मैनेजमेंट, इकोनॉमिक्स, मार्केटिंग जैसे विषयों मे पारंगत किया जाता है और मजेदार तो यह है कि बी बी ए (BBA)मे पढ़ा जाने वाला हर विषय MBA मे दुबारा पढ़ा जाता है जिससे BBA पास छात्रों के लिये MBA कि पढाई बहुत आसान हो जाती है/
लेखक
डॉ• सुनील कुमार सिंह (आईआईएम, एमबीए, चार्टर्ड फेलो, , पीजीडी एफएम)
निदेशक ज़ेनिथ कॉमर्स एकेडमी, पटना