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26 जुलाई को सोनागिर में 24 जिन महामस्तिका महोत्सव एवं निर्वाण लाडू समर्पण समारोह

दतिया @rubarunews.com  दिगंबर जैन परंपरा के 23वें तीर्थंकर उपसर्ग विजेता भगवान पारसनाथ निर्वाण कल्याणक पर 24 इंद्र द्वारा एक साथ 24 जिन प्रतिमा मस्तकाभिषेक महोत्सव एवं लाडू समर्पण समारोह 26 जुलाई को दोपहर 2:00 बजे से भट्ठारक कोटी में विविध धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आचार्य धर्मभूषण जी महाराज के पावन सानिध्य एवं क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज के निर्देशन में भव्य आयोजन किया जाएगा।

 

चातुर्मास समिति के प्रचार मंत्री सचिन जैन ने बताया कि आयोजन आचार्य पुष्पदंत सागर चातुर्मास समिति भारत एवं दिगंबर जैन जागरण युवा संघ रजिस्टर मुंबई के संयुक्त तत्वाधान में किया जाएगा। कार्यक्रम का प्रारंभ आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज के चित्र अनावर्ण और दीपप्रज्वलन कर किया जाएगा तथा इस अवसर पर मुख्य लड्डू 23 किलो का होगा तथा अन्य 23 लड्डू सवा किलो के होंगे। संपूर्ण कार्यक्रम संगीत में होगा तथा विधि विधान पंडित शशिकांत शास्त्री ग्वालियर द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुनिश्री प्रतीक सागर जी के भगवान पारसनाथ पर विशेष प्रवचन होंगे।

 

कार्यक्रम में पुरुष सफेद वस्त्रों में तथा महिलाएं केसरिया वस्त्रों में सम्मिलित होने की अपील दिगंबर जैन भट्टारा कोठी एवं दिगंबर जैन जागरण युवा संघ शाखा ग्रेटर ग्वालियर ने की है। मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज ने बताया कि भगवान पारसनाथ का जन्म पौष कृष्णा एकादशी को हुआ था उनके पिता का नाम राजा अश्वसेन और माता का नाम वामादेवी था। जन्म बनारस, 10 गणधर थे, श्रावण शुक्ला सप्तमी के दिन सम्मेद शिखर सिद्ध क्षेत्र से मोक्ष को प्राप्त किया। पार्श्वनाथ बाल ब्रह्मचारी थे उन्होंने विवाह नहीं किया। जैन तीर्थंकरों में भगवान पार्श्वनाथ को 23वें तीर्थंकर के रूप में जाना जाता है। जिन्होंने सबसे अधिक उपसर्ग सहन किया। जिसके कारण आज संपूर्ण भारतवर्ष में भगवान पारसनाथ के निर्माण महोत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मगर इस वर्ष करोना वायरस होने के कारण सरकारी नियमों के अंतर्गत इस कार्यक्रम को मनाया जाएगा।