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विरासत  संरक्षण के साथ बून्दी में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं है : वाजा

    बूंदी Krishna Kant Rathore/@www.rubarunews.com>>विश्व स्तर पर अपने कला,साहित्य, संस्कृति की अनूठी छाप छोड़ती बूंदी में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं यह बात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विनोद कुमार वाज़ा ने बूंदी को जानो प्रश्नोत्तरी के परिणामों की घोषणा के अवसर पर संबोंधित करते हुए कही। उमंग संस्थान द्वारा आयोजित  जा रही सोशल मीडिया प्रश्नोत्तरी को दिशात्मक प्रयास बताते हुए वाज़ा ने कहा कि प्रत्येक विरासत को सरंक्षण की महती आवश्यकता होती है अन्यथा वह अपना अस्तित्व खोने लगती है। इस संदर्भ में बून्दी साहित्य सृजन,स्थापत्य,चित्रकला व ज्योतिष में भी विशिष्ट पहचान रखता है अतः इन से जुड़ी विरासत का सरंक्षण किया जाना चाहिए।

उमंग संस्थान द्वारा विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर  हिंदी साहित्य सृजन में  बूंदी  विषय पर  आयोजित  प्रश्नोत्तरी  श्रंखला  के परिणामों की घोषणा शुक्रवार को की गई जिसमें वाज़ा मुख्य अतिथि थे। संयोजक सर्वेश तिवारी ने इस अवसर पर बताया कि इकतालीसवें राउंड का प्रश्न बून्दी की हिंदी साहित्य में पहचान पर आधारित था । जिसमे साहित्य जगत का प्रसिद्ध ऐतिहासिक  खंडकाव्य काव्य रंग में भंग जो कि राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त द्वारा  गेंडोली के ऐतिहासिक घटनाक्रम  पर  लिखा गया है  के सम्बंध में प्रश्न पूछा गया था। गेण्डोली की इस घटना में विवाह उपलक्ष पर हुए कटाक्ष से रक्त रंजित घटनाक्रम घटित हुआ था  जो कि गुप्त द्वारा साहित्य सृजन में अंकित हुआ व साहित्य में बून्दी की वैश्विक पहचान बना। इस श्रंखला में सही उत्तर देकर  यतेंद्र शेखर व गुलाम मुस्तफा विजेता बने।

सचिव कृष्णकांत राठौर ने इस अवसर पर प्रतियोगिता के आयोजन व संस्थान के विविध सामुदायिक विकास कार्यक्रमों की जानकारी दी व प्रतियोगिता द्वारा बूंदी की कला साहित्य संस्कृति के प्रति रुझान पर प्रकाश डाला। एजु सेल प्रभारी कुश जिंदल ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के विनोद कुमार गौतम, प्रमोद श्रृंगी ,आनन्द कुमार सहित संस्थान के सदस्यों ने शिरकत की।

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com