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मोहल्ले वालों के विरोध के बाद परिजनों ने बिना जांच के ही पीतांबरा मंदिर में ठहराया

दतिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका निवासी श्रीमती कमलेश अंगल शनिवार को अमेरिका से अपने भाई के सिविल लाइन स्थित निवास पर पहुंची थी। लेकिन जब इसकी जानकारी मोहल्ले वालों को लगी तो उन्होंने इसका विरोध कर इसकी सूचना प्रशासन को दी प्रशासन के लोग श्री अंगल के घर पहुंचते इससे पहले ही उनके परिजनों ने श्रीमती कमलेश अंगल को घर से ले जाकर पीतांबरा पीठ मंदिर के साधक आवास के रूम नंबर 56 में ठहरा दिया।

कोरोना वायरस कि दिन बा दिन बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रशासन फूंख फूंख कर कदम रखा रहा है और देश के अन्य प्रांतों से आने वाले लोगों को भी सूचीबद्ध कर उनकी जांच की जा रही है ऐसे में ही एक चौंकाने वाला मामला उस समय सामने आया जब दतिया अंगल परिवार की सदस्य श्रीमती कमलेश अंगल शनिवार 21 मार्च को अमेरिका से दतिया आई और बिना किसी को सूचना दिए वह अपने परिजनों के सिविल लाइन स्थित आवास पर पहुंच गई जब इसकी सूचना मोहल्ले वालों को मिली तो उन्होंने इसका विरोध किया और बाकायदा इसकी सूचना प्रशासन को दी लेकिन प्रशासन कार्रवाई करता इससे पहले ही अंगल परिवार ने श्रीमती कमलेश अंगल को अपने घर से ले जाकर पीतांबरा पीठ मंदिर के साधक आवास के रूम नंबर 56 में शिफ्ट कर दीया और प्रशासन को भ्रमित कर किसी बाहरी व्यक्ति के घर ना आने की जानकारी दी। मोहल्ले के सूत्रों की माने तो यह पूर्ण रूप से सही है कि श्रीमती अंगल अमेरिका में रहती हैं और वह चंद रोज पहले ही बिना कुछ जांच पड़ताल के दतिया पहुंची है। श्रीमती अंगल का यहां आना स्वयं के लिए खतरनाक तो है ही वहीं इनकी जांच ना होना दतिया के लोगों के लिए भी बड़ा खतरा है जिला प्रशासन को चाहिए कि वह श्री पीतांबरा पीठ मंदिर पहुंचकर वहां ठहरे लोगों की जांच करें और अमेरिका से आई श्रीमती कमलेश अंगल की थर्मल स्केनिंग कराकर यह स्पष्ट करे कि वह कोरोना पॉजिटिव है या नहीं तभी हम और आप सब सुरक्षित हो पाएंगे।

*मंदिर प्रबंधन चुप्पी है संदेह के घेरे में*
विश्वव्यापी कोरोना वायरस की महामारी को लेकेर आज समूचा विश्व संघर्ष कर रहा है इस महामारी की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और पूरे देश में मठ मंदिरों को बंद कर दिया गया है इसी क्रम में दतिया स्थित श्री पीतांबरा पीठ मंदिर भी 18 मार्च से आम भक्तों के लिए पूर्ण रूप से बंद है लेकिन मंदिर प्रबंधन एवं इससे जुड़े ट्रस्टियों की मनमानी एवं मालिकाना पन का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां एक मंदिर मैं आम भक्तों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद है तो वहीं अमेरिका से आई ट्रस्टी की बहन को बिना कोई जांच-पड़ताल किए ही मंदिर के साधक आवास में ठहरा दिया गया जो निश्चित ही घोर लापरवाही एवं आम जनमानस के लिए खतरा उत्पन्न करने वाली घटना है । आम नागरिकों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि वह मंदिर के साधक आवासों कि जांच करें एवं स्पष्ट करे कि वहां कौन-कौन ठहरे हैं।

Umesh Saxena

I am the chief editor of rubarunews.com