पुस्तकें हमारी सँस्कृति का अनिवार्य हिस्सा – डॉ जवाहर कर्नावट
भोपाल.Desk/ @www.rubarunews.com- पुस्तकें हमारी सँस्कृति का अनिवार्य हिस्सा हैं ,यह ज्ञान की अथाह सागर हैं पुस्तकों की उपस्थिति नर्क को भी स्वर्ग बना देती है ,आज की युवा पीढ़ी को पुस्तकों से जोड़ना बहुत ज़रूरी है ,यह उदगार हैं वरिष्ठ साहित्यकार और निदेशक डॉ जवाहर कर्नावट के जो लघुकथा शोध केंद्र भोपाल और अपना प्रकाशन द्वारा आयोजित पुस्तक पखवाड़े के शुभारंभ अवसर पर अध्यक्ष के रूप में बोल रहे थे | पुस्तक पखवाड़े के इस अवसर पर डॉ मुरारी लाल खरे की सद्य प्रकाशित कृतियों पर वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार जैन ने गम्भीर चर्चा करते हुए दोनों पुस्तकों को सगुण और निर्गुण धारा की महत्वपूर्ण कृति बताया | आयोजन में अपनी बात रखते हुए रामायण शोध केंद्र भोपाल के निदेशक और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेश श्रीवास्तव ने दोनों कृतियों की विशेषताओं का सूक्ष्म विवेचन करते हुए इन्हें आज की पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया | कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार और महर्षि अगस्तय वैदिक संस्थान के अध्यक्ष ने कहा कि शरीर और आत्मा धर्म और मोक्ष तथा स्वयम को जानने के लिए इन पुस्तकों का अध्ययन बहुत आवश्यक है ,कार्यक्रम के प्रारम्भ में लघुकथा शोध केंद्र की निदेशक कांता राय ने मंचस्थ अतिथियों और उपस्थित विद्वानों का स्वागत किया व इस पुस्तक पखवाड़े के आयोजन और आवश्यकता को रेखांकित किया और प्रकाशित कृतियों के चुनिंदा अंशों का वाचन किया | कार्यक्रम का संचालन घनश्याम मैथिल अमृत ने किया गूगल मीट ‘बेबिनार’ पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुजफ्फर इकबाल सिद्दीकी,,आनन्द तिवारी आचार्य संजीव वर्मा सलिल ,गौकुल सोनी ,डॉ गिरजेश सक्सेना ,जया आर्य ,मधुलिका सक्सेना ,अशोक धमेनिया सहित देश और प्रदेश के अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित थे |