जल की सुरक्षा एवं संरक्षण में अपनी जिम्मेदारी तय करें – सालोदिया
बून्दी.KrishnaKantRathore/ @www.rubarunews.com>> हमें जल के महत्व को समझते हुए जल की सुरक्षा एवं संरक्षण में अपनी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए। ऐसा कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य पी.के. सालोदिया ने उमंग संस्थान के परिण्ड़ा अभियान में सहभागिता करते हुए कहा। आज निर्जला एकादशी पर उमंग संस्थान द्वारा विभिन्न स्थानों पर सेव बर्ड्स कार्यक्रम के तहत मूक पक्षियों की जल सेवार्थ परिण्ड़े बांधे गए।
उमंग संस्थान द्वारा स्वर्गीय पंडित लक्ष्मी शंकर शर्मा 13 वीं पुण्यतिथि पर राजकीय कन्या महाविद्यालय में उमंग संस्थान के द्वारा वरिष्ठ भाजयुमो उपाध्यक्ष ऋषभ शर्मा के नेतृत्व में परिण्ड़े लगाऐ गए। यहां पर ऋषभ शर्मा ने मूक पक्षियों की सेवा की बात करते हुए कहा कि यदि आज छोटी सी गौरेया को संरक्षण देकर बचाया होता तो टिड़डे के प्रकोप से घबराने की आवश्यकता नहीं होती। मूक पशु पक्षी प्रकृति को महकाने के साथ हमें भी प्राकृति विपदा से सचेत करते है। यहां पर आईएफडब्ल्यूजे के जिलाध्यक्ष कमलेश शर्मा, सचिव कृष्ण कान्त राठौर, जय सिंह सौलंकी, अकाउंटेंट तरूण कुमार जैन, ओम प्रकाश शर्मा, कालम आसेरी मौजूद रहे।
वर्षगांठ पर लिया जल संरक्षण का संकल्प………..
वहीं सिद्धनाथ महादेव मंदिर, भाव भट्ट पर एडवोकेट अंशुल सोनी एवं कनक सोनी की वैवाहिक वर्षगांठ पर पक्षियों के लिए परिण्ड़े लगाए और यहां पर सेव बर्ड्स कार्यक्रम के संयोजक विनोद गौतम ने युवा दंपति को पक्षियों के लिए नियमित दाने पानी की व्यवस्था करने और जल संरक्षण का संकल्प दिलवाया।
इस अवसर पर पं. विनोद गौतम ने निर्जला एकादशी पर जल संरक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि जल संरक्षण संदेश प्राचीन काल से ही हमारी संस्कृति मे चला आ रहा हैं। निर्जला एकादशी का प्रतीकात्मक संदेश है कि जल को बचाया जाए और जल ग्रहण तब ही करें जब संग्रहण और संरक्षण कर सकते हैं।
संस्थान के सचिव कृष्ण कान्त राठौर ने बताया कि संस्थान द्वारा सुदामा सेवा संस्थान मे शिक्षाविद छुट्टन लाल शर्मा, महाकालेश्वर उद्यान में प्रदीप चित्तौड़ा के नेतृत्व में पक्षियों की जल सेवार्थ परिण्ड़े लगाए गए। इस अवसर पर ज्ञानार्थ के प्रभारी लोकेश जैन ने जल संरक्षण का महत्व बताते हुए पक्षियों के दाने पानी की व्यवस्था करने की अपील की और परिण्डे वितरित कर सेवा का संकल्प दिलवाया।
इस अवसर पर संस्थान के जय सिंह सौलंकी, गणेश कंवर, रजिया खातून, शकुन्तला सोनी, हनुमान राठौर, अमन दाधीच, सीताराम , मीहिर गुर्जर मौजूद रहे।